
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) की पहली बार आईपीएल खिताब जीत का जश्न बंगलूरू में काला सा बादल बन गया जब इस जीत के जश्न के दौरान भगदड़ मचने से 11 लोगों की जान चली गई। आरसीबी ने इस बार पहली बार आईपीएल का खिताब जीता, और इसके बाद बंगलूरू में ट्रॉफी का भव्य जश्न मनाने के लिए लाखों प्रशंसक स्टेडियम के बाहर जमा हुए। हालांकि, चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भीड़ बेकाबू हो गई और प्रशंसकों के बीच भगदड़ मची, जिससे कई लोगों की दर्दनाक मौत हो गई।आरसीबी उन फ्रेंचाइजियों में से है जिनके सबसे ज्यादा समर्पित और उत्साही प्रशंसक हैं, लेकिन इसके बावजूद जश्न की तैयारियों में हुई चूक इस हादसे की मुख्य वजह बनी। इस घटना ने पूरा जश्न मातम में बदल दिया, लेकिन स्टेडियम के अंदर सम्मान समारोह शांति से जारी रहा।चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर लाखों की संख्या में प्रशंसक टीम की एक झलक पाने के लिए उमड़ पड़े थे। पुलिस और सुरक्षा बलों ने इन्हें नियंत्रित करने का प्रयास किया, लेकिन भारी भीड़ के कारण उनका नियंत्रण कमजोर पड़ गया। भीड़ के दबाव में कई लोग प्रवेश द्वार के बाहर ही फंस गए और भगदड़ मची। इस भगदड़ में 11 लोगों की जान चली गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए।आरसीबी टीम के हवाई अड्डे पर पहुंचने पर भी भारी संख्या में प्रशंसकों ने सड़क किनारे टीम का स्वागत किया। विराट कोहली और टीम के अन्य खिलाड़ियों को देखने के लिए प्रशंसक कतारों में खड़े थे। टीम के सदस्यों ने प्रशंसकों की इस उत्सुकता को देखकर खुशी जताई।लेकिन प्रशासन और आयोजकों की ओर से इस विशाल भीड़ को संभालने के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए थे। बंगलूरू ट्रैफिक पुलिस ने पहले से ही सोशल मीडिया पर चेतावनी दी थी कि विधान सौधा से स्टेडियम तक टीम की परेड नहीं हो पाएगी क्योंकि इससे यातायात पर विपरीत असर पड़ेगा। हालांकि मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बाद में इस परेड को अनुमति दे दी थी, लेकिन बाद में भीड़ के अनियंत्रित होने के कारण यह परेड रद्द करनी पड़ी।

बारिश के मौसम और अनियंत्रित भीड़ ने अधिकारियों को और कठिनाइयों में डाल दिया। मंगलवार रात को भीड़ को नियंत्रित करने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। इसके बावजूद भीड़ ने मंगलवार रात और बुधवार दोनों दिन भारी दबाव बनाया। सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीरों और वीडियो में विराट कोहली को ट्रॉफी उठाए हुए, खुशी से मुस्कुराते हुए और टीम के काफिले के सामने खड़े प्रशंसकों को उत्साह से हाथ हिलाते देखा जा सकता है। लेकिन अब इस खुशी का रंग फीका पड़ गया है क्योंकि भगदड़ की घटना ने सब कुछ बदल दिया है। जश्न के आयोजन के टिकट भी जल्दीबाजी में बेचे गए थे, जिससे प्रवेश द्वारों पर भारी भीड़ जमा हो गई। खासकर गेट नंबर 10, 12 और 13 पर भारी भीड़ की वजह से सुरक्षा कर्मियों के लिए नियंत्रण बनाए रखना मुश्किल हो गया। दोपहर करीब साढ़े तीन बजे तक इतने अधिक प्रशंसक जमा हो गए थे कि पुलिस और स्टेडियम सुरक्षा अधिकारियों को सभी दरवाजे बंद करना पड़े ताकि टिकट न रखने वाले अंदर प्रवेश न कर सकें। बावजूद इसके, कई प्रशंसकों को दीवार और फेंसिंग पर चढ़कर स्टेडियम के अंदर घुसते भी देखा गया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ। पिछले दिन स्टेडियम के बाहर मौजूद पोस्ट ग्रेजुएट छात्र प्रशांत शेट्टी ने बताया कि उन्होंने समारोह के लिए टिकट खरीदे थे, लेकिन पुलिस ने अचानक सारे रास्ते बंद कर दिए और लाठीचार्ज किया। वे और उनके जैसे कई प्रशंसक इस घटना से स्तब्ध थे क्योंकि वे सिर्फ टीम की जीत का जश्न मनाने आए थे। वे खुद को अपराधी समझ कर मार-पीट का शिकार हुए। कुबोन पार्क मेट्रो स्टेशन के आसपास भीड़ की संख्या अचानक बढ़ने पर पुलिस ने हल्का बलप्रयोग किया। कई महिलाओं और बच्चों को भगदड़ में गिरते और बेहोश होते देखा गया, जिससे आसपास के लोग दहल गए। स्टेडियम के अंदर सम्मान समारोह एक घंटे तक चला और टीम साढ़े छह बजे वापस लौट गई। लेकिन बाहर प्रशंसक स्टेडियम के पास ही जमा रहे जिससे भारी ट्रैफिक जाम और अफरा-तफरी मची रही। कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डी के शिवाकुमार ने कहा कि भीड़ अनियंत्रित हो गई थी और पुलिस के लिए नियंत्रण मुश्किल हो गया था, इसलिए विक्ट्री परेड रोकनी पड़ी।भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने इस घटना पर बयान जारी करते हुए कहा कि आरसीबी की जीत के जश्न की बेहतर योजना बनाई जानी चाहिए थी। बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया ने कहा कि यह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और लोकप्रियता का नकारात्मक पहलू सामने आया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदनाएं जताईं और घायलों के जल्दी स्वस्थ होने की कामना की।सैकिया ने कहा कि इस स्तर के कार्यक्रम में सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण के लिए पर्याप्त तैयारी और एहतियात बरतनी चाहिए थी। उन्होंने कहा, “कहीं न कहीं कोई चूक हुई है। आईपीएल के इतने शानदार अंत के बाद यह घटना रंग में भंग कर गई।”उन्होंने पिछले साल कोलकाता नाइट राइडर्स की जीत के बाद कोलकाता में हुए जश्न का उदाहरण दिया जहां ऐसी कोई घटना नहीं हुई। साथ ही टी20 विश्व कप जीतने पर मुंबई में हुए जश्न का जिक्र करते हुए कहा कि वहां पुलिस और प्रशासन ने मिलकर स्थिति को बहुत बेहतर तरीके से संभाला था।बीसीसीआई का मानना है कि अहमदाबाद के आईपीएल फाइनल के दौरान भी एक लाख से ज्यादा दर्शकों की सुरक्षा सुनिश्चित की गई थी और आयोजन सफल रहा। इस घटना से सबक लेकर भविष्य में ऐसे आयोजनों की बेहतर योजना और सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।यह दुखद हादसा क्रिकेट प्रेमियों के लिए जहां भारी सदमा है, वहीं आयोजनकर्ता और प्रशासन के लिए गंभीर चेतावनी भी है कि ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा इंतजामों को और बेहतर बनाया जाए।