“मानसून से पहले उत्तराखंड में तपेगा सूरज, गर्मी करेगी बेहाल”

उत्तराखंड में इस बार मानसून के छह दिन पहले दस्तक देने की संभावना जताई जा रही है, लेकिन उससे पहले प्रदेशवासियों को तेज गर्मी और चटक धूप का सामना करना पड़ेगा। मौसम विभाग ने साफ किया है कि आगामी दिनों में 10 जून तक मौसम शुष्क रहेगा, जिससे प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में तापमान में वृद्धि होगी और लोगों को तेज गर्मी झेलनी पड़ेगी। खासकर मैदानी इलाकों में सूरज की तपिश से जनजीवन प्रभावित हो सकता है, जबकि पहाड़ी क्षेत्रों में भी दिन के समय गर्मी का साफ अहसास होगा।मौसम विज्ञान केंद्र, देहरादून की ओर से जारी ताजा पूर्वानुमान के अनुसार, इस बार राज्य में 11 जून को मानसून के पहुंचने की संभावना है, जो सामान्य तिथि से लगभग छह दिन पहले है। हालाँकि, इससे पहले तक बिना बारिश के मौसम के कारण गर्मी लगातार बढ़ती रहेगी। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस समय मैदानी क्षेत्रों में धूप का असर अधिक देखने को मिलेगा, जिससे तापमान में मामूली बढ़ोतरी होगी, लेकिन उमस और तेज़ धूप लोगों को ज्यादा परेशान करेगी।शनिवार को देहरादून का अधिकतम तापमान 36.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो सामान्य से एक डिग्री अधिक था। वहीं न्यूनतम तापमान 21.7 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से एक डिग्री कम था। प्रदेश के अन्य हिस्सों जैसे हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल के निचले क्षेत्रों में भी यही स्थिति देखने को मिली। दिन की चटक धूप और नमी की कमी ने वातावरण को शुष्क और गर्म बना दिया।

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि,

“इस बार उत्तराखंड में मानसून के 11 जून तक पहुंचने की संभावना है, जो सामान्य से पहले है। लेकिन इसके पहले, प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में तेज गर्मी और चटक धूप बनी रहेगी। तापमान में कुछ और इजाफा भी हो सकता है। खासतौर से मैदानी क्षेत्र अधिक प्रभावित रहेंगे।”उन्होंने यह भी बताया कि जैसे-जैसे मानसून की निकटता बढ़ेगी, वातावरण में नमी की मात्रा भी बढ़ेगी, जिससे उमस में वृद्धि हो सकती है। यह स्थिति उन लोगों के लिए परेशानी का सबब बन सकती है जो अत्यधिक तापमान और लू से प्रभावित होते हैं।इस बीच, स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन ने लोगों को सलाह दी है कि वे दिन के समय धूप में बाहर निकलने से बचें, अधिक पानी पिएं और गर्मी से बचाव के उपाय अपनाएं। साथ ही, मौसम में अचानक बदलाव को ध्यान में रखते हुए बुजुर्गों, बच्चों और बीमार व्यक्तियों को विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।मानसून से पहले यह तेज गर्मी उत्तराखंड में जलवायु परिवर्तन और मौसमी असंतुलन की ओर भी इशारा करती है। जहां एक ओर राज्य को मानसून की प्रतीक्षा है, वहीं दूसरी ओर प्राकृतिक गर्मी की मार पहले ही जनजीवन को प्रभावित करने लगी है।प्रदेशवासियों को अब 11 जून का इंतजार है, जब मानसून की पहली बारिश राहत की फुहार लेकर आएगी, लेकिन तब तक उन्हें सूरज के तीखे तेवर का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा।

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