
उत्तराखंड के रायवाला थाना क्षेत्र से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने एक बार फिर समाज को झकझोर कर रख दिया है। कोतवाली रायवाला अंतर्गत एक 21 वर्षीय युवक दीपक दास ने एक नाबालिग लड़की का पहले अपहरण किया और फिर उसे लेकर देश के अलग-अलग राज्यों में घूमते हुए लगातार दुष्कर्म करता रहा। आखिरकार सोमवार को पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद आरोपी को गाजियाबाद रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया।
17 मई को दर्ज हुई थी गुमशुदगी
इस मामले की शुरुआत 17 मई को हुई जब नाबालिग के परिवार ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट कोतवाली रायवाला में दर्ज करवाई। रिपोर्ट दर्ज करने के बाद पुलिस हरकत में आई और करीब 40 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई। जांच के दौरान पुलिस को उस व्यक्ति की पहचान में सफलता मिली, जो नाबालिग को अपने साथ ले गया था।
आरोपी की पहचान: दीपक दास
जांच में सामने आया कि आरोपी का नाम दीपक दास (उम्र 21 वर्ष) है। वह मूल रूप से ग्राम बांस काठल पट्टी दोगी, थाना मुनिकीरेती का रहने वाला है और फिलहाल लालतप्पड़, डोईवाला में रह रहा था। आरोपी ने नाबालिग को पहले पंजाब ले जाया, जिससे पुलिस की जांच जटिल होती चली गई।
राज्यों में पुलिस की दबिश और आरोपी की भागदौड़
जैसे ही आरोपी का नाम सामने आया, पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए पंजाब में उसके संभावित ठिकानों पर दबिश दी, लेकिन तब तक आरोपी नाबालिग को लेकर हैदराबाद, तेलंगाना भाग चुका था। पुलिस की टीमें वहां भी पहुंचीं लेकिन दीपक लगातार जगह बदलता रहा ताकि पुलिस उसे पकड़ न सके। हैदराबाद से भागते हुए वह उत्तर प्रदेश पहुंच गया।
गाजियाबाद से हुई गिरफ्तारी
पुलिस को तकनीकी सर्विलांस के माध्यम से आरोपी के गाजियाबाद में होने की सूचना मिली। सोमवार को रायवाला पुलिस टीम ने गाजियाबाद रेलवे स्टेशन की पार्किंग से आरोपी को धर दबोचा। साथ ही, नाबालिग को भी सुरक्षित बरामद कर लिया गया।
पोक्सो एक्ट और आईपीसी की धाराएं लागू
पुलिस ने नाबालिग के बयान के आधार पर आरोपी दीपक दास के खिलाफ पोक्सो एक्ट एवं भारतीय दंड संहिता (IPC) की संबंधित धाराओं में अपहरण और दुष्कर्म का अभियोग पंजीकृत कर लिया है। आरोपी को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है।
पुलिस टीम का सराहनीय योगदान
इस केस की सफलतापूर्वक जांच और गिरफ्तारी में कोतवाली प्रभारी निरीक्षक बीएल भारती के नेतृत्व में गठित टीम में उपनिरीक्षक कुशाल सिंह रावत, अपर उपनिरीक्षक रामनिवास, कांस्टेबल नंदकिशोर, कांस्टेबल रितु और कांस्टेबल मनीषा ने अहम भूमिका निभाई।