
उत्तराखंड सरकार ने राज्य में डेस्टिनेशन वेडिंग को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ जैसे विजन से प्रेरणा लेते हुए प्रदेश सरकार ने अब ‘वेड इन उत्तराखंड’ (Wed in Uttarakhand) फ्रेमवर्क को अंतिम रूप दे दिया है। यह नीति न केवल पर्यटन को प्रोत्साहित करेगी, बल्कि राज्य को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय विवाह पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।
थीम आधारित शादियों का नया युग
उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक विरासत और शांत वातावरण को ध्यान में रखते हुए सरकार ने विवाह समारोहों के लिए कई विशिष्ट थीम तैयार की हैं, जिनमें शामिल हैं:
- साहसिक विवाह (Adventure Wedding)
- आध्यात्मिक विवाह (Spiritual Wedding)
- पर्यावरण अनुकूल विवाह (Eco-Friendly Wedding)
- पारंपरिक गढ़वाली-कुमाऊंनी विवाह (Traditional Cultural Wedding)
इन थीम पर आधारित वेडिंग पैकेज तैयार किए जाएंगे, जो पर्यटकों को एक अद्वितीय अनुभवात्मक विवाह आयोजन की सुविधा देंगे।
नये स्थलों की पहचान और बुनियादी ढांचे का विकास
‘वेड इन उत्तराखंड’ फ्रेमवर्क के अंतर्गत राज्य सरकार ने नए और अब तक अनछुए स्थलों की पहचान कर उन्हें डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए तैयार करने की योजना बनाई है। इसमें सड़क, रेल और हवाई मार्गों से बेहतर संपर्क, संचार नेटवर्क, बिजली, पानी, और स्वास्थ्य सेवाओं सहित मूलभूत सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा।
इसके साथ ही भव्य रिसॉर्ट्स, लग्जरी होटलों, विरासत संपत्तियों, और टेंट आधारित अस्थायी आवास की व्यवस्था भी निजी निवेशकों की भागीदारी से की जाएगी।
प्रभावशाली प्रचार-प्रसार की रणनीति
राज्य के प्रमुख और आदर्श विवाह स्थलों जैसे:
- ऋषिकेश के नदी तट
- मसूरी के पर्वतीय रिसॉर्ट्स
- अल्मोड़ा की विरासत संपत्तियां
इनकी पहचान कर उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित किया जाएगा। इसके लिए डिजिटल मीडिया, सोशल मीडिया कैंपेन, और प्रभावशाली मार्केटिंग कंटेंट का निर्माण किया जाएगा, जो उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत और अद्वितीय प्राकृतिक सौंदर्य को दर्शाएंगे।
विवाह पर्यटन विकास समिति का गठन
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशानुसार, पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने डेस्टिनेशन वेडिंग फ्रेमवर्क को जारी किया है। इस योजना की निगरानी और क्रियान्वयन के लिए एक राज्य स्तरीय विवाह पर्यटन विकास समिति का गठन होगा, जो नीति के मूल्यांकन, प्रगति की समीक्षा और चुनौतियों के समाधान पर ध्यान देगी।
सिंगल विंडो पोर्टल और स्पष्ट लाइसेंसिंग सिस्टम
राज्य सरकार एक समर्पित एकल खिड़की पोर्टल (Single Window Portal) भी विकसित करेगी, जो विवाह समारोहों के लिए आवश्यक सभी प्रकार की अनुमतियों और नियमों की जानकारी एक ही मंच पर उपलब्ध कराएगा। इसके अतिरिक्त:
- सेवा प्रदाताओं और वेडिंग प्लानर्स के लिए प्रमाणन और पैनल प्रक्रिया
- शोर नियंत्रण, कचरा प्रबंधन, और पर्यावरणीय दिशा-निर्देशों का अनुपालन अनिवार्य होगा
- समस्त आयोजन सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल होंगे
पर्यटन विकास परिषद और GMVN/KMVN की भूमिका
इस पूरी योजना की नोडल एजेंसी पर्यटन विकास परिषद (Tourism Development Council) होगी, जबकि गढ़वाल मंडल विकास निगम (GMVN) और कुमाऊं मंडल विकास निगम (KMVN), पर्यटन विभाग के साथ मिलकर इसके क्रियान्वयन में सहयोग प्रदान करेंगे।
रोजगार और अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा
सरकार का मानना है कि इस पहल से राज्य में पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। विवाह आयोजनों के बढ़ने से न केवल स्थानीय कारीगरों, ट्रैवल एजेंटों, और इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों को लाभ मिलेगा, बल्कि होटल उद्योग, परिवहन सेवा, स्थानीय व्यवसायों को भी नई ऊर्जा मिलेगी। ‘वेड इन उत्तराखंड’ पहल एक दूरदर्शी प्रयास है, जो न केवल उत्तराखंड को वैश्विक मंच पर एक प्रमुख विवाह पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करेगा, बल्कि राज्य की संस्कृति, प्रकृति और समृद्ध परंपराओं को भी वैश्विक पहचान दिलाएगा। विवाह अब केवल एक रस्म नहीं, बल्कि एक अनुभव बनेंगे – और उत्तराखंड उस अनुभव का सबसे सुंदर मंच होगा।