साउथ 24 परगना में बवाल: दो गुटों की भिड़ंत में हिंसा, कई घायल और 29 गिरफ्तार

पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के महेशतला क्षेत्र में बुधवार को दो गुटों के बीच हुई हिंसक झड़प ने इलाके में तनाव का माहौल पैदा कर दिया है। इस झड़प में कुल 5 लोग घायल हुए हैं, जबकि 29 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। घटनास्थल रवींद्रनगर पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आता है, जो डायमंड हार्बर पुलिस जिले के अधीन है। पुलिस के अनुसार, इलाके में अब स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है, लेकिन एहतियात के तौर पर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है।

क्या हुआ था?

यह विवाद एक दुकान खोलने को लेकर शुरू हुआ, जो धीरे-धीरे दो समुदायों के बीच तनावपूर्ण झड़प में बदल गया। झड़प के दौरान पथराव, तोड़फोड़, आगजनी और वाहनों को नुकसान पहुँचाया गया। झगड़े में कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। इसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन एफआईआर दर्ज कीं और संदिग्धों को हिरासत में लिया।

क्षेत्र में धारा 163 लागू

डायमंड हार्बर पुलिस की ओर से एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर बताया गया कि इलाके में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 लागू की गई है, जिससे शांति व्यवस्था बनाए रखने में सहायता मिल सके। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि फिलहाल क्षेत्र में स्थिति शांतिपूर्ण और नियंत्रण में है। सोशल मीडिया पर निगरानी बढ़ा दी गई है ताकि अफवाहों को फैलने से रोका जा सके।

राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप

इस घटना ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है। विपक्षी भाजपा ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कानून-व्यवस्था की स्थिति चरमराई हुई है और केन्द्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती की मांग की है। भाजपा का आरोप है कि स्थानीय पुलिस हिंसा को रोकने में विफल रही है। वहीं, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने पलटवार करते हुए भाजपा पर स्थानीय मुद्दे को जानबूझकर सांप्रदायिक और राजनीतिक रूप देने का आरोप लगाया है।

प्रशासन की कार्रवाई

पुलिस और प्रशासन की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि मामले में किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह किसी भी राजनीतिक दल से जुड़ा हो। गिरफ्तार किए गए लोगों से पूछताछ जारी है और हिंसा में शामिल अन्य लोगों की सीसीटीवी फुटेज और स्थानीय चश्मदीदों के आधार पर पहचान की जा रही है। दक्षिण 24 परगना जिले का यह मामला बंगाल की राजनीतिक और सामाजिक संवेदनशीलता को एक बार फिर उजागर करता है। कानून-व्यवस्था बनाए रखना प्रशासन की प्राथमिकता है, लेकिन राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप की लड़ाई ने स्थिति को और जटिल बना दिया है। उम्मीद की जा रही है कि प्रशासनिक सख्ती और लोगों की सतर्कता से जल्द ही इलाके में शांति पूरी तरह बहाल हो जाएगी।

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