
एयर इंडिया की अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में तकनीकी खामियों का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है। ताजा मामला अहमदाबाद से लंदन जाने वाली फ्लाइट AI-159 का है, जिसे तकनीकी खराबी के चलते उड़ान भरने से पहले ही रद्द करना पड़ा। यह वही रूट है, जिस पर कुछ दिन पहले एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 एक बड़े हादसे का शिकार हुई थी, जिसमें सैकड़ों यात्रियों की जान चली गई थी। ऐसे में एक और तकनीकी गड़बड़ी सामने आने से यात्रियों में डर और अविश्वास की भावना और गहराती जा रही है।जानकारी के अनुसार, एयर इंडिया की फ्लाइट AI-159 को सोमवार को दोपहर 1:10 बजे अहमदाबाद से लंदन के लिए रवाना होना था। विमान के लंदन हीथ्रो एयरपोर्ट पर शाम 6:25 बजे पहुंचने का निर्धारित समय था। लेकिन उड़ान भरने से ठीक पहले विमान में तकनीकी गड़बड़ी की पहचान की गई, जिसके बाद एयरलाइन प्रबंधन ने तत्काल उड़ान रद्द करने का निर्णय लिया। एयर इंडिया के प्रवक्ताओं के अनुसार, यह निर्णय यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए लिया गया है।हालिया हादसों की पृष्ठभूमि में यह रद्दीकरण और भी अधिक चिंता का विषय बन गया है। 5 दिन पहले एयर इंडिया की ही एक और फ्लाइट AI-171, जो अहमदाबाद से लंदन जा रही थी, उड़ान के कुछ ही समय बाद मेडिकल कॉलेज की इमारत से टकरा गई थी। इस हादसे में 242 यात्रियों में से 241 की दर्दनाक मौत हो गई थी और केवल एक ब्रिटिश नागरिक ही बच पाया था। इस घटना के बाद से एयर इंडिया की तकनीकी व्यवस्था और सुरक्षा मानकों पर बड़े सवाल खड़े हो गए हैं।विशेषज्ञों का मानना है कि बार-बार तकनीकी खराबियों का आना एयरलाइन के रखरखाव और निरीक्षण प्रणालियों की गंभीर खामियों की ओर इशारा करता है। यात्रियों के लिए हर उड़ान एक भरोसे का प्रतीक होती है, लेकिन जब उस भरोसे पर बार-बार चोट पहुंचती है, तो न केवल ग्राहक असंतुष्ट होते हैं बल्कि पूरी एविएशन इंडस्ट्री की विश्वसनीयता भी प्रभावित होती है।एयर इंडिया को चाहिए कि वह अपनी इंजीनियरिंग और सेफ्टी प्रैक्टिसेज को गंभीरता से जांचे और उड़ानों से पहले तकनीकी निरीक्षण की प्रक्रिया को और सख्त बनाए। यात्रियों की जान की कीमत किसी भी शेड्यूल या टारगेट से अधिक है। ऐसे में यह आवश्यक हो गया है कि एयरलाइन अपनी विश्वसनीयता को दोबारा स्थापित करने के लिए ठोस और पारदर्शी कदम उठाए।