इतिहास में पहली बार: 5 शतक भी न बचा सके हार से, इंग्लैंड के खिलाफ भारत को करारी शिकस्त

भारत को इंग्लैंड के खिलाफ लीड्स में खेले गए पहले टेस्ट में पांच विकेट से हार का सामना करना पड़ा, और यह हार इतिहास में दर्ज हो गई है। टेस्ट क्रिकेट के 148 सालों में यह पहली बार हुआ जब किसी टीम ने एक ही टेस्ट में पांच शतक लगाए और फिर भी उसे हार का मुंह देखना पड़ा। भारत की इस हार के साथ कई रिकॉर्ड टूटे और कई नए बन गए।

अभूतपूर्व आंकड़े और ऐतिहासिक विफलता

लीड्स में खेले गए इस मुकाबले में भारत ने पहली पारी में शानदार बल्लेबाजी करते हुए तीन शतक लगाए और दूसरी पारी में भी दो खिलाड़ियों ने शतक जड़े। ऋषभ पंत ने दोनों पारियों में 134 और 118 रनों की पारी खेली। हालांकि उनकी यह व्यक्तिगत सफलता टीम के किसी काम नहीं आई। इससे पहले 2014 में विराट कोहली ने एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दोनों पारियों में शतक जमाए थे, लेकिन भारत वह टेस्ट भी हार गया था। अब वही कहानी ऋषभ के साथ दोहराई गई।

इंग्लैंड की ऐतिहासिक रन-चेज

इंग्लैंड को जीत के लिए चौथी पारी में 371 रनों की दरकार थी, जिसे टीम ने केवल 82 ओवरों में पूरा कर लिया। बेन डकेट (शतक) और जैक क्राउली (अर्धशतक) ने धमाकेदार शुरुआत दी और दोनों ने मिलकर 188 रन की ओपनिंग साझेदारी की, जो भारत के खिलाफ चौथी पारी में किसी भी टीम द्वारा सर्वश्रेष्ठ ओपनिंग स्टैंड है। इससे पहले 1953 में वेस्टइंडीज की जोड़ी ने 142* रन की साझेदारी की थी।डकेट ने दिसंबर 2022 के बाद से अब तक छह टेस्ट शतक जड़े हैं और ओपनर के तौर पर सबसे ज्यादा शतक लगाने वाले खिलाड़ी बन गए हैं। यशस्वी जायसवाल 5 शतक के साथ दूसरे नंबर पर हैं।

भारत का मजबूत स्कोर, लेकिन नाकाफी

भारत ने दोनों पारियों में मिलाकर 835 रन बनाए। यह टेस्ट इतिहास में हार में किसी टीम द्वारा बनाए गए चौथे सबसे ज्यादा रन हैं। इससे पहले केवल इंग्लैंड के खिलाफ ही इस तरह की तीन हार का अनुभव भारत ने किया है।

इंग्लैंड की बैजबॉल रणनीति का जलवा

ब्रेंडन मैकुलम और बेन स्टोक्स की अगुवाई में इंग्लैंड ने ‘बैजबॉल’ रणनीति को फिर से सफलतापूर्वक अंजाम दिया। यह रणनीति आक्रामक बल्लेबाजी पर आधारित है, जिससे चौथी पारी में भी बड़े लक्ष्य का पीछा किया जाता है। लीड्स में 371 रन चेज कर इंग्लैंड ने यह सिद्ध किया कि अब चौथी पारी की बाधाएं भी कोई मायने नहीं रखतीं।

हेडिंग्ले का ऐतिहासिक ट्रैक रिकॉर्ड

लीड्स का हेडिंग्ले मैदान टेस्ट क्रिकेट के लिए कई मायनों में ऐतिहासिक बन गया है। यहां 350+ रनों का लक्ष्य अब तक तीन बार सफलतापूर्वक चेज किया जा चुका है — 1948 में ऑस्ट्रेलिया ने 404 रन, 2019 में इंग्लैंड ने 359 रन और अब 2025 में इंग्लैंड ने 371 रन का पीछा किया।

भारतीय गेंदबाजी सवालों के घेरे में

मैच में भारत के गेंदबाजों की काफी आलोचना हो रही है क्योंकि इतने बड़े स्कोर के बावजूद वे इंग्लैंड को रोकने में असफल रहे। जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी जैसे अनुभवी तेज गेंदबाजों की गैरमौजूदगी में गेंदबाजी इकाई कमजोर नजर आई। यह मुकाबला भारतीय क्रिकेट के लिए एक चेतावनी है कि केवल बैटिंग आंकड़ों से टेस्ट मैच नहीं जीते जाते। इंग्लैंड ने अपनी आक्रामक रणनीति और टीम संतुलन से दिखा दिया कि कैसे हालात और इतिहास को दरकिनार कर मैच जीता जा सकता है। भारत को आगामी टेस्ट में अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना होगा, खासकर गेंदबाजी यूनिट की ताकत और विविधता पर।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Notice: ob_end_flush(): failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home1/theindi2/public_html/wp-includes/functions.php on line 5464