
जम्मू संभाग में बुधवार को हुई मूसलाधार बारिश के बाद तवी नदी में जल स्तर अचानक तेजी से बढ़ गया, जिससे दो अलग-अलग स्थानों पर कुल नौ लोग नदी के बीच फंस गए। इस आपात स्थिति में राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीम ने तत्परता दिखाते हुए करीब एक घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन में सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। यह घटना एक बार फिर बताती है कि बारिश के मौसम में नदियों के आसपास जाना कितना खतरनाक हो सकता है।पहली घटना सुबह करीब 10 बजे की है। तालाब खटिका निवासी मदन लाल तवी नदी के मंदिर-मस्जिद प्वाइंट के पास अपने घोड़ों के साथ रेत निकालने गया था। उसी दौरान बारिश से नदी का बहाव अचानक तेज हो गया। घोड़े तो किसी तरह सुरक्षित किनारे पहुंच गए, लेकिन मदन लाल खुद तेज बहाव में फंस गया और बहकर नदी के मध्य एक पुल के पिलर तक पहुंच गया। वहां उसने किसी तरह शरण ली और मदद का इंतज़ार करने लगा। मौके से गुजर रहे कुछ राहगीरों ने उसे फंसा देखा और तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए फौरन SDRF की टीम को बुलाया।एसडीआरएफ की टीम कुछ ही देर में मौके पर पहुंची और मदन लाल को बचाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से ऑपरेशन शुरू किया। सबसे पहले रस्सी की मदद से मदन लाल तक संपर्क स्थापित किया गया, फिर पुल से एक लंबी सीढ़ी नीचे फेंकी गई। सीढ़ी के सहारे मदन लाल को पुल तक खींचा गया और उसे सुरक्षित बाहर निकाला गया।इसी दौरान एक दूसरी घटना वेयर हाउस क्षेत्र में सामने आई, जहां नेपाल निवासी आठ युवक, जो जम्मू में मजदूरी करते हैं, नदी में नहाने गए थे। बारिश के कारण जल स्तर तेजी से बढ़ा और वे सभी एक ऊंचे टापू पर फंस गए। वहां से निकलना उनके लिए नामुमकिन था। स्थानीय लोगों द्वारा सूचना मिलने पर SDRF टीम तुरंत मौके पर पहुंची। जोखिम भरे हालातों में टीम ने रस्सियों और मानव श्रृंखला के सहारे एक-एक कर सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला।एसडीआरएफ की इस बहादुरी और कुशलता से दोनों घटनाओं में कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। वेयर हाउस पुलिस चौकी प्रभारी के अनुसार सभी व्यक्तियों की प्राथमिक चिकित्सीय जांच करवाई गई है और सभी की हालत सामान्य है।प्रशासन ने इन घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए जनता से अपील की है कि बारिश के मौसम में तटीय क्षेत्रों और नदियों के आसपास जाने से परहेज करें, विशेषकर तब जब जल स्तर कभी भी तेजी से बढ़ सकता है। साथ ही, नदी के किनारों पर चेतावनी संकेतों और पुलिस-प्रशासन की हिदायतों का पालन करने का आग्रह किया गया है।यह घटनाएं इस बात का प्रमाण हैं कि यदि बचाव दल समय पर पहुंच जाए और सही रणनीति अपनाई जाए, तो किसी भी आपदा से लोगों की जान बचाई जा सकती है।