
उत्तराखंड के चमोली जिले के कर्णप्रयाग क्षेत्र में बुधवार देर रात एक भीषण भूस्खलन की घटना घटी, जिसने पूरे क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल पैदा कर दिया। उमट्टा के पास रात लगभग एक बजे पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा नीचे आया, जिसने कर्णप्रयाग-ग्वालदम राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) के किनारे स्थित एक होटल को अपनी चपेट में ले लिया।
भागकर बचाई जान, मलबे में दबी टैक्सी
भूस्खलन के समय होटल के भीतर होटल संचालक का परिवार और स्टाफ मौजूद थे। अचानक आए मलबे की आवाज सुनते ही सभी ने तत्परता दिखाते हुए किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई। इसी दौरान, वहां से गुजर रही एक टैक्सी भी मलबे की चपेट में आ गई और दब गई। वाहन में सवार लोगों ने मुश्किलों का सामना करते हुए किसी तरह अपनी जान बचाई, लेकिन यह मंजर बेहद भयावह था।
राजमार्ग बंद, NH खोलने में लग सकता है वक्त
बृहस्पतिवार सुबह से ही राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NH) की टीम ने मलबा हटाने का कार्य शुरू कर दिया है। लेकिन पहाड़ी से लगातार भारी मलबा और बोल्डर गिरने के कारण सफाई अभियान में बाधाएं आ रही हैं। इस कारण हाईवे को पूरी तरह खोलने में अभी समय लग सकता है। मलबा और चट्टानों के गिरने की स्थिति बनी हुई है, जिससे मार्ग पर कार्य करना खतरनाक बना हुआ है।
वाहनों की लंबी कतारें, ट्रैफिक डायवर्ट
हाईवे बंद होने की वजह से दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस प्रशासन ने ट्रैफिक को सिवाई होते हुए बदरीनाथ और अन्य स्थलों की ओर डायवर्ट कर दिया है। मौके पर उपजिलाधिकारी, तहसीलदार और NH के अधिकारी मौजूद हैं और हालात पर नजर बनाए हुए हैं।
जल संस्थान की पाइपलाइन भी क्षतिग्रस्त
भूस्खलन के कारण केवल होटल और टैक्सी ही प्रभावित नहीं हुए, बल्कि जल संस्थान की पाइपलाइनें भी मलबे के नीचे दब गई हैं, जिससे जल आपूर्ति व्यवस्था पर भी असर पड़ा है।
चार जिलों में येलो अलर्ट, अगले 5 दिन भारी बारिश की चेतावनी
राज्य मौसम विज्ञान केंद्र ने देहरादून, टिहरी, नैनीताल और चंपावत जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में अगले पांच दिनों तक तेज बारिश के कई दौर देखने को मिल सकते हैं। मौसम विज्ञानी रोहित थपलियाल ने बताया कि कुछ पर्वतीय इलाकों में तेज बौछारें भी पड़ सकती हैं, जिससे भूस्खलन और जलभराव जैसी स्थिति और अधिक गंभीर हो सकती है।
देहरादून में तापमान में उतार-चढ़ाव
राजधानी देहरादून में बुधवार को हल्की बारिश के बाद तेज धूप निकल आई, जिससे अधिकतम तापमान में 2.5 डिग्री और न्यूनतम तापमान में 1.1 डिग्री की वृद्धि दर्ज की गई। बुधवार को अधिकतम तापमान 34.4 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 24.3 डिग्री दर्ज किया गया। बृहस्पतिवार को गर्जन के साथ कई दौर की बारिश होने की संभावना है, जिससे अधिकतम तापमान में 1.4 डिग्री की गिरावट आ सकती है। करनप्रयाग क्षेत्र में हुई यह घटना उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में हो रहे लगातार भूस्खलनों की गंभीरता को उजागर करती है। जहां एक ओर जानमाल की हानि से लोग बाल-बाल बचे, वहीं दूसरी ओर यह घटना सड़क, जल व्यवस्था और यातायात प्रणाली पर भी प्रश्नचिन्ह छोड़ गई है। प्रशासन और राहत एजेंसियों की मुस्तैदी से स्थिति पर नियंत्रण का प्रयास जारी है, लेकिन मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए सतर्कता अत्यंत आवश्यक है।