
उत्तराखंड में भारी बारिश और भूस्खलन के चलते हालात चिंताजनक बने हुए हैं। राज्य के दो प्रमुख धार्मिक स्थलों — केदारनाथ और यमुनोत्री धाम की यात्राएं प्राकृतिक आपदाओं के चलते प्रभावित हुई हैं। रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में भारी बारिश के कारण सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं, जिससे सैकड़ों श्रद्धालु फंस गए थे। प्रशासन, SDRF और NDRF की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्यों में जुटी हैं।
केदारनाथ यात्रा पर भूस्खलन की मार, यात्रा अस्थायी रूप से स्थगित
रुद्रप्रयाग जिले में हिमालयी मंदिर के रास्ते में सोनप्रयाग के पास मुनकटिया स्लाइडिंग जोन में गुरुवार को भारी बारिश के बाद भूस्खलन हुआ, जिससे केदारनाथ यात्रा को अस्थायी रूप से स्थगित करना पड़ा। पुलिस के अनुसार, मलबे और बड़े-बड़े पत्थरों के चलते सड़क पूरी तरह से बंद हो गई है।इस हादसे के दौरान गौरीकुंड से लौट रहे कई श्रद्धालु स्लाइडिंग जोन में फंस गए, लेकिन राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) ने समय रहते करीब 40 श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाल लिया और उन्हें सोनप्रयाग पहुँचाया गया। सुरक्षा के मद्देनज़र प्रशासन ने यात्रा को तत्काल रोकने का निर्णय लिया है।
यमुनोत्री हाईवे पर बादल फटने से तबाही, 254 श्रद्धालु निकाले गए सुरक्षित
उधर उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री हाईवे पर सिलाई बैंड के पास बादल फटने और ओजरी में नाले के उफान के कारण मार्ग का लगभग 20–25 मीटर हिस्सा बह गया है। यह घटना चार दिन पहले हुई थी, लेकिन अब तक मार्ग पूरी तरह से सुचारू नहीं हो सका है।बुधवार को स्यानाचट्टी से जानकीचट्टी के बीच फंसे करीब 254 यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। प्रशासन ने उन्हें पैदल मार्ग से निकालकर वाहनों के माध्यम से बड़कोट भेजा। इस दौरान खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा यात्रियों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई थी।इस क्षेत्र में सात लोग लापता भी हुए हैं, जिन्हें ढूंढने के लिए NDRF की टीम स्निफर डॉग्स की मदद से खोज अभियान चला रही है।
वाहन संचालन में बाधा, मलबा और कीचड़ बनी चुनौती
सिलाई बैंड और ओजरी में भारी मलबा और कीचड़ के कारण वाहनों की आवाजाही अब भी बंद है। जिला अधिकारी प्रशांत आर्य ने जानकारी दी कि प्रशासनिक अमला हाईवे को दोबारा शुरू कराने में पूरी तरह जुटा हुआ है। साथ ही कुपड़ा मोटर मार्ग पर भी छोटे वाहनों की आवाजाही के लिए वैकल्पिक व्यवस्था पर काम हो रहा है।
सावधानी बरतें: प्रशासन की अपील
प्राकृतिक आपदाओं को देखते हुए प्रशासन ने सभी यात्रियों से अपील की है कि वे यात्रा शुरू करने से पहले मौसम और मार्ग की जानकारी अवश्य लें। पहाड़ी क्षेत्रों में यात्रा करने से फिलहाल परहेज करें और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें।