चमोली में बारिश का कहर: केदारनाथ यात्रा ठप, स्कूल बंद

चमोली जिले में बीते 24 घंटों से जारी तेज बारिश ने बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग को भी प्रभावित किया है। उमट्टा क्षेत्र में पहाड़ी से लगातार मलबा गिरने के चलते हाईवे अवरुद्ध हो गया है, जबकि नंदप्रयाग के पर्थाडीप में भी मलबा आने से मार्ग सुबह के समय लगभग एक घंटे बंद रहा। प्रशासन द्वारा मार्ग को अस्थायी रूप से खोल दिया गया है, लेकिन उमट्टा में मलबा हटाने का कार्य अभी भी जारी है।जिले में भारी बारिश के चलते केदारनाथ यात्रा अस्थायी रूप से स्थगित कर दी गई है। सोनप्रयाग और गौरीकुंड में तीर्थयात्रियों को रोक दिया गया है। प्रशासन का कहना है कि यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। जब तक मौसम सामान्य नहीं हो जाता और रास्ते पूरी तरह सुरक्षित नहीं हो जाते, तब तक यात्रा शुरू नहीं की जाएगी।


विद्युत आपूर्ति भी प्रभावित, स्कूलों में अवकाश

बारिश के कारण ज्योतिर्मठ क्षेत्र की 66 केवी विद्युत लाइन में फॉल्ट आ गया है, जिससे पूरे क्षेत्र में रात से ही बिजली गुल है। जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि पिटकुल की टीम फॉल्ट की पहचान कर रही है और आपूर्ति को जल्द बहाल करने का प्रयास किया जा रहा है।मौसम विभाग द्वारा भारी बारिश और भूस्खलन की चेतावनी को देखते हुए मुख्य शिक्षा अधिकारी के आदेश पर चमोली जिले के सभी सरकारी और अर्द्धसरकारी विद्यालयों में आज अवकाश घोषित कर दिया गया है, जिससे बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।


राज्यभर में 50 से अधिक सड़कें बंद, यात्रियों को भारी परेशानी

राज्य के विभिन्न हिस्सों में बारिश से 50 से अधिक सड़क मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं। इनमें विकासनगर-कालसी-बड़कोट राष्ट्रीय राजमार्ग और ऋषिकेश-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग भी शामिल हैं। देहरादून जिले में लखवाड़ बैंड (किमी 26) पर मलबा आने से आवाजाही पूरी तरह बंद है। इसके अलावा तीन ग्रामीण मार्ग भी बंद हैं।उत्तरकाशी जिले में औजरी के पास ऋषिकेश-यमुनोत्री मार्ग बंद है, साथ ही एक राज्य मार्ग और 11 ग्रामीण सड़कें भी अवरुद्ध हैं। रुद्रप्रयाग जिले में तीन, नैनीताल में काठगोदाम-हैड़ाखान, चमोली में 13, पिथौरागढ़ में 7, बागेश्वर में 4, पौड़ी में 3 और टिहरी जिले में 2 ग्रामीण सड़कें बंद हैं।


आपदा से अब तक 143 भवन प्रभावित, जान-माल का बड़ा नुकसान

आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, 1 जून 2025 के बाद से राज्य में 143 भवनों को नुकसान पहुंचा है। इनमें से 133 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त, 8 गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त, और 2 मकान पूरी तरह ढह गए हैं। भारी वर्षा और भू-स्खलन की वजह से अब तक 21 लोगों की जान जा चुकी है, 11 लोग घायल हैं, जबकि 9 नागरिक अब भी लापता हैं। प्रशासन राहत कार्यों में जुटा हुआ है और प्रभावित क्षेत्रों में लगातार निगरानी की जा रही है।


प्रशासन अलर्ट मोड पर, मौसम विभाग ने दी अगली चेतावनी

राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने सभी संबंधित विभागों को हाई अलर्ट पर रखा है। आपदा प्रबंधन टीमें संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात हैं और लगातार निगरानी की जा रही है। मौसम विभाग ने आने वाले 48 घंटों के लिए अत्यधिक भारी बारिश और भूस्खलन की संभावना जताई है। यात्रियों और स्थानीय लोगों को अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी गई है।

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