ऑपरेशन ब्लू स्टार पर नया दावा: इंदिरा गांधी ने ब्रिटेन की मदद से कराया था हमला – निशिकांत दुबे

नई दिल्ली, 7 जुलाई 2025 — वर्ष 1984 में हुए ऑपरेशन ब्लू स्टार को लेकर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने एक सनसनीखेज दावा करते हुए नया विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस सैन्य कार्रवाई में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने ब्रिटेन के साथ मिलकर योजना बनाई थी, और इस बात के सबूत एक गोपनीय ब्रिटिश रिपोर्ट में दर्ज हैं। दुबे ने कांग्रेस पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि “कांग्रेस के लिए सिख समुदाय सिर्फ एक राजनीतिक खिलौना है”, और 1984 के सिख विरोधी दंगों को छिपाने के लिए कांग्रेस ने डॉ. मनमोहन सिंह को 2004 में ‘कठपुतली प्रधानमंत्री’ बना दिया।


ब्रिटिश रिपोर्ट का हवाला, एक्स हैंडल पर साझा की गोपनीय जानकारी

निशिकांत दुबे ने अपने X (पूर्व ट्विटर) हैंडल से एक कथित गोपनीय पत्र साझा किया है, जो उन्होंने ब्रिटिश गृह सचिव के निजी सचिव ह्यूग टेलर और विदेश एवं राष्ट्रमंडल कार्यालय के निजी सचिव ब्रायन फॉल के बीच हुए संवाद के रूप में प्रस्तुत किया। इस दस्तावेज़ में दावा किया गया है कि भारत सरकार ने 1984 में स्वर्ण मंदिर से सिख उग्रवादियों को हटाने के लिए ब्रिटेन से सैन्य सलाह मांगी थी।दस्तावेज़ के अनुसार, ब्रिटिश सरकार ने प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर की स्वीकृति से एक सैन्य अधिकारी को भारत भेजा, जिसने ऑपरेशन की रणनीति तैयार की। यह रणनीति तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को सौंपी गई, जिन्होंने इसे मंजूरी देकर जल्द लागू करने का आदेश दिया। इस रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई कि इस ऑपरेशन के कारण पंजाब में सांप्रदायिक हिंसा भड़क सकती है और भारत-ब्रिटेन दोनों में सिख समुदाय के भीतर तनाव बढ़ सकता है, विशेष रूप से यदि ब्रिटिश स्पेशल फोर्स (SAS) की संलिप्तता उजागर होती।


साजिश को गोपनीय रखने की सलाह

ब्रिटिश रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि ऑपरेशन की योजना और ब्रिटेन की भूमिका को ‘अत्यधिक गोपनीय’ रखने की सिफारिश की गई थी। पत्र की प्रति नंबर 10 डाउनिंग स्ट्रीट, रक्षा मंत्रालय और कैबिनेट कार्यालय को भी भेजी गई थी, लेकिन इससे जुड़े विवरण सीमित लोगों तक ही रखने के निर्देश दिए गए।


कांग्रेस पर आरोपों की झड़ी

भाजपा सांसद ने कांग्रेस पर इतिहास को छुपाने और सिख समुदाय के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि:

  • 1960 में करतारपुर साहिब को पाकिस्तान को देने का समझौता भी कांग्रेस नेता सरदार स्वर्ण सिंह ने किया था।
  • 1984 में सिखों के नरसंहार के पीछे कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की भूमिका रही, लेकिन उन्हें बचाया गया।
  • 2004 में कांग्रेस ने सिख समुदाय की नाराज़गी को शांत करने और दुनिया को दिखाने के लिए डॉ. मनमोहन सिंह को एक ‘कठपुतली प्रधानमंत्री’ बना दिया।

सियासी हलचल और प्रतिक्रिया की संभावना

दुबे के इस बयान और रिपोर्ट ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है। यह मुद्दा सिख राजनीति, मानवाधिकार संगठनों और इतिहासकारों के बीच एक नए विवाद और बहस को जन्म दे सकता है। रिपोर्ट की वैधता और इसमें दर्ज दावों की पुष्टि को लेकर भी बहस तेज हो सकती है। कांग्रेस की ओर से इस पर क्या प्रतिक्रिया आती है, यह देखना अभी बाकी है।

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