उत्तराखंड में फिर बाढ़ का खतरा मंडराया, 74 सड़कें ठप, प्रशासन अलर्ट पर

देहरादून, उत्तराखंड – उत्तराखंड में एक बार फिर से मौसम ने विकराल रूप धारण कर लिया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD), नई दिल्ली के हाइड्रोमेट डिवीजन द्वारा जारी किए गए बाढ़ के पूर्वानुमान के बाद राज्यभर में प्रशासनिक सतर्कता बढ़ा दी गई है। इसी क्रम में राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र द्वारा सभी जिलाधिकारियों को एक महत्वपूर्ण पत्र जारी किया गया है, जिसमें आगामी 24 घंटों के दौरान संभावित भारी बारिश और बाढ़ जैसी स्थितियों के प्रति चेतावनी दी गई है।

इन 11 जिलों में बढ़ा खतरा

राज्य सरकार को भेजे गए पत्र में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि सोमवार को अगले 24 घंटे के भीतर अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, चंपावत, देहरादून, नैनीताल, पौड़ी गढ़वाल, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, टिहरी और उत्तरकाशी जिलों में अत्यधिक वर्षा हो सकती है, जिससे जलभराव, भूस्खलन और बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

राज्य आपातकालीन केंद्र ने निर्देश दिए हैं कि सभी जिलों में प्रशासनिक अमला पूरी तरह से मुस्तैद रहे और निचले इलाकों में विशेष निगरानी रखी जाए। साथ ही, सभी आवश्यक संसाधनों को पहले से तैयार रखा जाए ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित राहत एवं बचाव कार्य किए जा सकें।

प्रदेश की 74 सड़कों पर मलबा, आवागमन बाधित

भारी बारिश के चलते राज्यभर में सड़कों की स्थिति बदतर हो गई है। पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण कई स्थानों पर मलबा आ गया है, जिससे 74 से अधिक सड़कें पूरी तरह से बंद हो गई हैं। ऋषिकेश-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग, जो पहले से ही अवरुद्ध था, वह अब तक औजरी के पास नहीं खोला जा सका है, जिससे चारधाम यात्रा भी प्रभावित हो रही है।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार,

  • रुद्रप्रयाग में 5 सड़कें बंद हैं (जिसमें राष्ट्रीय राजमार्ग भी शामिल हैं)
  • उत्तरकाशी में 1 राष्ट्रीय राजमार्ग और 8 ग्रामीण सड़कें बाधित हैं
  • नैनीताल और चमोली में 1-1 राज्य मार्ग एवं क्रमशः 1 और 20 सड़कें प्रभावित हुई हैं
  • पिथौरागढ़ में 9, अल्मोड़ा में 3, बागेश्वर में 8, चंपावत में 1, पौड़ी गढ़वाल में 6, देहरादून में 4 और टिहरी जिले में 8 ग्रामीण सड़कें बंद हो चुकी हैं।

प्रशासन की अपील: जनता सावधान रहें

राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें, खासकर पहाड़ी और संवेदनशील क्षेत्रों में। भारी वर्षा के दौरान नदियों और नालों के पास जाने से बचने की चेतावनी दी गई है। यदि कहीं जलभराव, भूस्खलन या सड़क बाधा जैसी स्थिति नजर आती है, तो तुरंत नजदीकी प्रशासनिक इकाई या आपातकालीन नंबर 112 पर संपर्क करें।

आपदा प्रबंधन की तैयारियां तेज

राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग और लोक निर्माण विभाग को उच्च सतर्कता पर रखा गया है। जेसीबी मशीनें, राहत सामग्रियां, आपात चिकित्सा सुविधाएं और अन्य आवश्यक उपकरणों को पहाड़ी जिलों में अग्रिम रूप से तैनात कर दिया गया है। उत्तराखंड के कई ज़िले इस समय भयंकर मौसमीय संकट की ओर बढ़ रहे हैं। प्रशासन सक्रिय है लेकिन हालात गंभीर बन सकते हैं। ऐसे में नागरिकों से सहयोग, सतर्कता और प्रशासनिक निर्देशों का पालन करने की सख्त आवश्यकता है।

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