
देहरादून/चमोली, 8 जुलाई 2025 – उत्तराखंड में लगातार हो रही मूसलधार बारिश अब भारी तबाही की ओर इशारा कर रही है। सोमवार तड़के चमोली जनपद के नंदप्रयाग घाट से आगे स्थित मुख गांव में बादल फटने की खबर ने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया। जैसे ही स्थानीय प्रशासन को घटना की सूचना मिली, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीम को तुरंत राहत एवं बचाव कार्यों के लिए मौके की ओर रवाना किया गया।
बादल फटने से स्थिति गंभीर, SDRF अलर्ट पर
मुख गांव में बादल फटने की घटना से आसपास के क्षेत्रों में भूस्खलन और व्यापक नुकसान की आशंका जताई जा रही है। प्रशासन ने घटना स्थल के आसपास के सभी संवेदनशील इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया है। SDRF की टीमों को उच्च स्तर पर मुस्तैदी के साथ कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। स्थानीय पुलिस और प्रशासन भी स्थिति पर लगातार निगरानी रखे हुए हैं।
मौसम विभाग की चेतावनी: 11 जिलों में भारी बारिश और बाढ़ का पूर्वानुमान
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD), नई दिल्ली के हाइड्रोमेट डिवीजन ने आगामी 24 घंटों के लिए बाढ़ का खतरा जताया है, जिसके आधार पर राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने उत्तराखंड के सभी जिलाधिकारियों को पत्र जारी कर सख्त सतर्कता बरतने को कहा है।इस चेतावनी के अनुसार, अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, चंपावत, देहरादून, नैनीताल, पौड़ी गढ़वाल, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, टिहरी और उत्तरकाशी जिलों में भारी बारिश के कारण जलभराव, भूस्खलन और बाढ़ जैसी आपदाएं उत्पन्न हो सकती हैं। सभी जिलों को यातायात नियंत्रित रखने, संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाने, और आवश्यकतानुसार राहत शिविर स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं।
बारिश और मलबे से अवरुद्ध हुईं 74 सड़कें
राज्य में लगातार हो रही बारिश के कारण पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही हैं, जिससे कुल 74 सड़कों पर यातायात बाधित हो गया है। ऋषिकेश-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग, जो पहले से बंद है, अब भी औजरी के पास नहीं खुल सका है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार:
- रुद्रप्रयाग में 5 सड़कें
- उत्तरकाशी में 1 राष्ट्रीय राजमार्ग और 8 ग्रामीण सड़कें
- नैनीताल में 1 सड़क
- चमोली में 1 राज्य मार्ग और 20 सड़कें
- पिथौरागढ़ में 9 सड़कें
- अल्मोड़ा में 3 सड़कें
- बागेश्वर में 8 सड़कें
- चंपावत में 1
- पौड़ी गढ़वाल में 6
- देहरादून में 4
- टिहरी में 8 ग्रामीण सड़कें
इनमें से अधिकांश सड़कें मलबा आने के कारण बंद हुई हैं, जिससे स्थानीय लोगों और यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
प्रशासन की अपील: सुरक्षित रहें, अनावश्यक यात्रा से बचें
राज्य सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। नदियों और नालों के पास जाने से परहेज करें और किसी भी आपात स्थिति की जानकारी डायल 112 या नजदीकी प्रशासनिक केंद्र को दें।
आपदा प्रबंधन दल सक्रिय
आपदा प्रबंधन विभाग, SDRF, लोक निर्माण विभाग (PWD), और जिला प्रशासन की टीमों को सभी ज़रूरी उपकरणों और राहत सामग्री के साथ तैयार रखा गया है। पहाड़ी क्षेत्रों में JCB मशीनें, एंबुलेंस, मेडिकल किट और प्राथमिक राहत सामग्री पहले ही तैनात की जा चुकी हैं। उत्तराखंड इस समय एक गंभीर प्राकृतिक आपदा की आशंका से जूझ रहा है। बादल फटना, भारी बारिश और भूस्खलन जैसी घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में प्रशासन सतर्क है, लेकिन जनता की सजगता और सहयोग ही सबसे बड़ा हथियार साबित हो सकता है।