
वॉशिंगटन/नई दिल्ली, 8 जुलाई 2025 — अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों को लेकर एक बड़ा और सकारात्मक बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका भारत के साथ व्यापार समझौते के बेहद करीब पहुंच चुका है। यह बयान ऐसे समय आया है जब ट्रंप प्रशासन ने 14 देशों पर भारी टैरिफ (शुल्क) लगाने की घोषणा की है, जिससे वैश्विक व्यापार जगत में हलचल मच गई है।
भारत से व्यापार समझौते को लेकर उम्मीदें मजबूत
डोनाल्ड ट्रंप ने प्रेस से बातचीत में कहा, “हमने यूनाइटेड किंगडम और चीन के साथ व्यापार समझौते किए हैं। अब भारत के साथ भी हम काफी करीब हैं।” ट्रंप ने यह भी स्पष्ट किया कि कुछ देशों से अमेरिका की बातचीत विफल रही है, जिसके चलते उन्हें टैरिफ से संबंधित पत्र भेजे गए हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका 1 अगस्त से लागू होने वाले टैरिफ को लेकर सख्त है, लेकिन अगर संबंधित देश सकारात्मक संवाद के लिए संपर्क करते हैं, तो वह लचीलापन दिखाने को तैयार हैं।
भारत के लिए राहत की संभावना
भारत पर पहले 26% टैरिफ लगाने की घोषणा की गई थी, जिसे ट्रंप प्रशासन ने 90 दिन के लिए स्थगित कर दिया था। यह अवधि 9 जुलाई 2025 को समाप्त हो रही है। भारत इस टैरिफ से पूर्ण छूट चाहता है और अमेरिका के साथ एक अंतरिम समझौते तक पहुंचने की दिशा में प्रयासरत है, ताकि पूर्ण व्यापार समझौते से पहले राहत मिल सके।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फरवरी 2025 में हुई अमेरिका यात्रा के दौरान, भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर वार्ता शुरू करने की घोषणा हुई थी। दोनों देशों ने इसे सितंबर-अक्टूबर 2025 तक अंतिम रूप देने का लक्ष्य रखा है।
टैरिफ की नई सूची में शामिल देश और दरें
अमेरिका ने जापान, दक्षिण कोरिया, मलेशिया, कंबोडिया, थाईलैंड, दक्षिण अफ्रीका समेत 14 देशों पर 25% से 40% तक के टैरिफ लागू करने की घोषणा की है। इसके अलावा ब्रिक्स देशों को भी 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की चेतावनी दी गई है।
देश | टैरिफ (%) |
---|---|
बांग्लादेश | 35% |
बोस्निया और हर्जेगोविना | 30% |
कंबोडिया | 36% |
इंडोनेशिया | 32% |
जापान | 25% |
कजाखिस्तान | 25% |
लाओस | 40% |
मलेशिया | 25% |
म्यांमार | 40% |
सर्बिया | 35% |
ट्यूनिशिया | 25% |
दक्षिण अफ्रीका | 30% |
दक्षिण कोरिया | 25% |
थाईलैंड | 36% |
गोयल का स्पष्ट संदेश: देशहित सर्वोपरि
भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने 4 जुलाई को स्पष्ट कहा था कि भारत किसी व्यापार समझौते के लिए समय सीमा में बंधने वाला देश नहीं है। भारत सिर्फ वही समझौता स्वीकार करेगा जो देशहित में हो, निष्पक्ष हो और दोनों पक्षों के लिए लाभदायक हो। गोयल ने दो टूक कहा कि भारत केवल उन्हीं क्षेत्रों में रियायत देगा जो देश के किसानों, उद्योगों और हितों को नुकसान न पहुंचाए।
कृषि और डेयरी क्षेत्र पर भारत का सख्त रुख
अमेरिका भारत से कृषि और डेयरी क्षेत्रों में बाजार खोलने की मांग कर रहा है। लेकिन भारत ने अब तक किसी भी देश को इन संवेदनशील क्षेत्रों में छूट नहीं दी है। भारत का तर्क है कि कृषि और डेयरी करोड़ों किसानों की आजीविका से जुड़ा है, और किसी भी तरह की छूट देश के किसानों के लिए विनाशकारी हो सकती है। अमेरिका से जारी बातचीत में स्टील, एल्युमिनियम और ऑटोमोबाइल टैरिफ भी विवाद का विषय बने हुए हैं। जहां एक ओर अमेरिका 14 देशों पर कठोर टैरिफ लागू कर व्यापारिक दबाव बना रहा है, वहीं भारत के साथ ट्रंप प्रशासन की नरमी और सकारात्मकता एक मजबूत द्विपक्षीय समझौते की संभावनाओं को जन्म दे रही है। आने वाले सप्ताह भारत और अमेरिका के लिए व्यापारिक समीकरणों को स्थिर करने में निर्णायक साबित हो सकते हैं।