उत्तराखंड में बारिश का कहर जारी, 124 सड़कें बंद

देहरादून | 9 जुलाई 2025
उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में बीते कुछ दिनों से जारी लगातार बारिश ने आम जनजीवन को खासा प्रभावित किया है। भूस्खलन की घटनाओं और सड़क अवरोधों के चलते लोगों की आवाजाही में दिक्कतें आ रही हैं। हालांकि मौसम विभाग ने बुधवार के लिए आंशिक राहत की उम्मीद जताई है, लेकिन खतरा पूरी तरह टला नहीं है। राज्य के कई जिलों में आज भी तेज बारिश की संभावना के मद्देनजर येलो अलर्ट जारी किया गया है।

🌧️ देहरादून, टिहरी, नैनीताल और बागेश्वर में भारी बारिश का अलर्ट

मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुसार देहरादून, टिहरी, नैनीताल और बागेश्वर जिलों में कुछ स्थानों पर तेज बारिश की संभावना बनी हुई है। इन क्षेत्रों में येलो अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा अन्य जिलों में गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश के आसार हैं और कहीं-कहीं आकाशीय बिजली गिरने की भी संभावना जताई गई है।मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, मैदानी क्षेत्रों में लोगों को थोड़ी राहत मिल सकती है, लेकिन पर्वतीय इलाकों में बारिश का क्रम पूरी तरह थमने के संकेत फिलहाल नहीं हैं। विशेष रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में सावधानी बरतने की आवश्यकता है, क्योंकि अधिक बारिश से भूमि धंसाव और भूस्खलन की आशंका बनी रहती है।

🛣️ 124 सड़कें अब भी बंद, यातायात ठप

राज्य में हो रही लगातार बारिश और भूस्खलन के कारण कई जगहों पर सड़क मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं। लोक निर्माण विभाग (PWD) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक कुल 154 सड़कें बारिश के चलते बाधित हुई थीं, जिनमें से 30 को खोल दिया गया है, लेकिन अभी भी 124 सड़कें बंद हैं। इन सड़कों को युद्धस्तर पर खोले जाने का कार्य जारी है।इन बाधित मार्गों के कारण कई गांव और पहाड़ी कस्बे मुख्य मार्गों से कट गए हैं, जिससे न केवल आम यात्रियों बल्कि जरूरी सेवाओं की आपूर्ति भी प्रभावित हो रही है।

🗣️ लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने दिए सख्त निर्देश

लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने स्थिति को गंभीरता से लेते हुए विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि मानसून के दौरान सभी अधिकारी और कर्मचारी अपने मोबाइल फोन अनिवार्य रूप से चालू रखें और कॉल रिसीव करें, ताकि आम जनता और प्रशासन को समय पर सूचनाएं मिल सकें।उन्होंने अधिकारियों से कहा कि मार्ग बंद होने की स्थिति में यात्रियों को उनके पहले पड़ाव (पूर्ववर्ती स्टेशन) पर ही पूरी जानकारी दी जाए, ताकि वे वैकल्पिक मार्गों की योजना पहले ही बना सकें। उन्होंने यह भी कहा कि सड़क खोलने के कार्यों में किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, विशेष रूप से तब, जब यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा दांव पर लगी हो।

⚠️ यात्रियों को सतर्क रहने की सलाह

प्रशासन और मौसम विभाग ने आम जनता और खास तौर पर पहाड़ों की यात्रा करने वाले पर्यटकों और तीर्थयात्रियों से अपील की है कि वे मौसम की स्थिति को देखते हुए ही यात्रा करें। साथ ही प्रशासन द्वारा जारी मार्ग संबंधी अपडेट को ध्यानपूर्वक पढ़ें और अनावश्यक यात्रा से परहेज करें। उत्तराखंड में मानसून का यह दौर एक बार फिर राज्य के लिए चुनौती बनकर सामने आया है। बारिश से जहां एक ओर खेतों और जलाशयों में पानी की कमी पूरी हो रही है, वहीं दूसरी ओर भूस्खलन और सड़क अवरोध जैसे जोखिम भी बढ़ते जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में प्रशासन और आम जनता दोनों की सतर्कता ही नुकसान को न्यूनतम कर सकती है।

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