
देहरादून, 13 जुलाई 2025:
आगामी उत्तराखंड पंचायत चुनाव से पहले राज्य में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए शराब तस्करी की साजिश रची जा रही थी, लेकिन एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) की सक्रियता के चलते शुक्रवार देर रात इस साजिश का पर्दाफाश हो गया। एसटीएफ और क्लेमनटाउन पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में चंडीगढ़ मार्क की 322 बोतलें (करीब 27 पेटी) अवैध अंग्रेजी शराब बरामद की गई हैं। इस मामले में एक तस्कर को भी गिरफ्तार किया गया है, जो हरियाणा से उत्तराखंड में शराब पहुंचाने की फिराक में था।
सूचना से कार्रवाई तक का पूरा घटनाक्रम
एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि STF कार्यालय को खुफिया सूत्रों से इनपुट मिला था कि उत्तराखंड में होने वाले आगामी पंचायत चुनावों के मद्देनज़र, बड़ी मात्रा में हरियाणा और पंजाब से अवैध शराब की तस्करी की जा सकती है। सूचना के आधार पर एक विशेष टीम गठित की गई, जिसे इस नेटवर्क की निगरानी और त्वरित कार्रवाई की जिम्मेदारी सौंपी गई।STF की टीम ने थाना क्लेमनटाउन पुलिस के सहयोग से आशारोड़ी चेकपोस्ट पर शुक्रवार रात कड़ी चेकिंग अभियान चलाया, जिसके दौरान एक संदिग्ध कार को रोका गया। तलाशी के दौरान कार की डिग्गी से चंडीगढ़ मार्क की रॉयल स्टैग ब्रांड की 322 बोतल अंग्रेजी शराब, जो करीब 27 पेटी बनती हैं, बरामद की गईं।
गिरफ्तार आरोपी और नेटवर्क की जानकारी
इस कार्रवाई में मौके से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया, जिसकी पहचान सुनील कुमार निवासी गांव करोरा, जिला कैथल, हरियाणा के रूप में हुई है। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी ने स्वीकार किया कि वह यह शराब चंडीगढ़ से खरीदकर उत्तराखंड के चूना भट्टा रायपुर क्षेत्र में सप्लाई करने जा रहा था, जहां से इसे पंचायत चुनावों के दौरान वितरित किया जाना था।पूछताछ में सुनील कुमार ने STF को इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की भी जानकारी दी है, जिनके खिलाफ जांच और संभावित गिरफ्तारियां जारी हैं। STF को संदेह है कि यह संगठित तस्करी गिरोह है, जो चुनाव के दौरान वोट प्रभावित करने के लिए इस तरह की गतिविधियों में संलिप्त है।
एसटीएफ की चौकसी और सख्त संदेश
एसएसपी नवनीत भुल्लर ने कहा कि STF हर उस साजिश को नाकाम करने के लिए सतर्क है, जो राज्य में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है। STF लगातार सीमाओं पर सघन निगरानी रख रही है, और चुनाव के मद्देनज़र शराब, नकदी, और अन्य प्रलोभनों पर लगाम लगाने के लिए कई टीमें तैनात की गई हैं।उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस तरह की तस्करी की गतिविधियों में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और कानूनी रूप से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
निष्कर्ष: पारदर्शी चुनाव की दिशा में सख्त कदम
पंचायत चुनाव को निष्पक्ष बनाने की दिशा में यह कार्रवाई एक मजबूत संदेश है कि उत्तराखंड पुलिस और STF मिलकर हर तरह की अनैतिक और अवैध गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं। इस प्रकार की कार्रवाइयों से साफ है कि चुनावों में प्रलोभन और तस्करी को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।