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"शुभांशु की वापसी: आज दोपहर होगी पृथ्वी से दोबारा मुलाकात" - The Indian Exposure

“शुभांशु की वापसी: आज दोपहर होगी पृथ्वी से दोबारा मुलाकात”

देश के लिए गौरव और विज्ञान के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक क्षण — भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला आज दोपहर को अंतरिक्ष से धरती पर सकुशल लौटने वाले हैं। एक्सिओम-4 मिशन के तहत 25 जून को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए रवाना हुए शुभांशु शुक्ला ने 18 दिन तक अंतरिक्ष में शोध कार्य किया और अब वापसी की अंतिम यात्रा में हैं।

शुभांशु: ISS पहुंचने वाले पहले भारतीय

शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर पहुंचने वाले भारत के पहले यात्री बन गए हैं। वहां उन्होंने अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों के साथ मिलकर विभिन्न रिसर्च प्रोजेक्ट्स पर कार्य किया, जिसमें बायोलॉजिकल रिएक्शन, माइक्रोग्रैविटी में पदार्थों का व्यवहार, और भारतीय तकनीकों की परीक्षण परियोजनाएं शामिल थीं।


धरती पर वापसी: 8 चरणों वाली जटिल प्रक्रिया

शुभांशु की वापसी को कुल 8 जटिल चरणों में विभाजित किया गया है:

  1. सोमवार शाम 4:45 बजे: ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट ने शुभांशु और अन्य क्रू सदस्यों को लेकर आईएसएस से सफलतापूर्वक डिटैच किया।
  2. 5:11 बजे: कैप्सूल का इंजन बर्न ऑन किया गया जिससे उसकी पृथ्वी की ओर वापसी प्रारंभ हुई।
  3. मंगलवार सुबह 7:30 बजे: कैप्सूल की हीट शील्ड को सक्रिय किया गया।
  4. दोपहर 1:30 बजे: कैप्सूल पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करेगा।
  5. 1:45 से 2:30 बजे के बीच: वायुमंडल में अत्यधिक घर्षण के कारण हीट शील्ड का तापमान 1600 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा। यह चरण मिशन का सबसे चुनौतीपूर्ण हिस्सा होगा।
  6. 2:40 बजे: जब कैप्सूल धरती से 5.7 किलोमीटर ऊपर होगा, तब पहला पैराशूट खुलेगा।
  7. 2 किलोमीटर की ऊंचाई पर दूसरा पैराशूट खुलेगा।
  8. करीब 3:00 बजे: कैप्सूल कैलिफोर्निया के तट के पास समुद्र में लैंड करेगा।

हीट शील्ड और पैराशूट सिस्टम सबसे संवेदनशील चरण

जैसे ही कैप्सूल पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करेगा, घर्षण के कारण तेज गर्मी उत्पन्न होगी, जिसे सहन करने के लिए विशेष हीट शील्ड तैयार किया गया है। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह तापमान 1600 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। यह चरण बेहद संवेदनशील और तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण होता है।इसके बाद, सफल एंट्री के पश्चात दो चरणों में पैराशूट खुलेगा, जिससे कैप्सूल की रफ्तार कम होगी और यह समुद्र में सुरक्षित लैंडिंग करेगा। इस पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और एक्सिओम स्पेस की संयुक्त टीम समन्वयित कर रही है।


शुभांशु की वापसी पर देश को गर्व

भारत में शुभांशु की वापसी को लेकर वैज्ञानिकों, छात्रों और आम जनता में उत्साह है। सोशल मीडिया पर उन्हें लेकर ‘Welcome Back Shubhanshu’ ट्रेंड कर रहा है। प्रधानमंत्री कार्यालय सहित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने भी इस मिशन को लेकर शुभकामनाएं प्रेषित की हैं।शुभांशु शुक्ला की इस ऐतिहासिक यात्रा ने भारत के युवाओं को न केवल विज्ञान और अंतरिक्ष के क्षेत्र में प्रेरित किया है, बल्कि यह भी दर्शाया है कि वैश्विक मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व अब हर क्षेत्र में हो रहा है। शुभांशु की यह वापसी सिर्फ एक वैज्ञानिक मिशन की पूर्णता नहीं है, बल्कि यह भारत की युवा प्रतिभा, विज्ञान में सहभागिता और वैश्विक पहचान का प्रतीक बन गई है। पूरे देश की निगाहें आज आसमान की ओर हैं—जहां से उतरकर आ रहा है भारत का उज्ज्वल भविष्य।

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