
भारतीय क्रिकेटर यश दयाल को इलाहाबाद हाई कोर्ट से यौन उत्पीड़न के मामले में गिरफ्तारी से बड़ी राहत मिली है। जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अनिल कुमार की खंडपीठ ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए आदेश दिया कि यश दयाल को फिलहाल गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। कोर्ट ने इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब भी तलब किया है और कहा है कि राज्य सरकार यह स्पष्ट करे कि मामले की जांच किस स्तर तक पहुंची है।गौरतलब है कि गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाने में 6 जुलाई 2025 को एक महिला की शिकायत पर क्रिकेटर यश दयाल के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 69 के तहत यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया गया था। यश दयाल पर आरोप है कि उन्होंने शिकायतकर्ता महिला के साथ अनुचित व्यवहार किया। हालांकि, यश दयाल ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की और दावा किया कि उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाया जा रहा है।याचिका में यश दयाल ने एफआईआर को रद्द करने की मांग की और कहा कि मामला पूरी तरह से झूठ पर आधारित है, और इससे उनके करियर और मान-सम्मान को गहरी चोट पहुंच रही है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि उन्हें गिरफ्तार किया गया, तो यह उनके पेशेवर जीवन और व्यक्तिगत प्रतिष्ठा को अपूरणीय क्षति पहुंचाएगा।कोर्ट ने राज्य सरकार को इस मामले पर तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई नियत तिथि पर की जाएगी। तब तक यश दयाल की गिरफ्तारी पर रोक लगी रहेगी।यश दयाल वर्तमान में घरेलू क्रिकेट में सक्रिय हैं और आईपीएल में गुजरात टाइटंस और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) जैसे फ्रेंचाइज़ी का हिस्सा रह चुके हैं। उनकी उम्र अभी महज 26 वर्ष है और वे भारतीय तेज गेंदबाजों में एक उभरता हुआ नाम हैं। इस केस की वजह से उनके करियर पर संकट के बादल छा गए थे, लेकिन हाई कोर्ट से मिली अंतरिम राहत के बाद उन्हें फिलहाल राहत मिली है।