लालकुआं की स्वच्छता को राष्ट्रपति से मिला सलाम, दून समेत कई शहरों का चमका प्रदर्शन

नई दिल्ली/देहरादून। केंद्र सरकार के वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण 2024-25 के नतीजे गुरुवार को आधिकारिक रूप से घोषित कर दिए गए। यह समारोह विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित हुआ, जहां भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वच्छता के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले शहरों और नगर निकायों को राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया। यह कार्यक्रम आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) की ओर से आयोजित किया गया था। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल तथा अन्य गणमान्य लोग भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।

इस प्रतिष्ठित राष्ट्रीय मंच पर उत्तराखंड का लालकुआं नगर चमकता हुआ नजर आया, जिसे स्वच्छता के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिए राष्ट्रपति द्वारा विशेष रूप से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार न केवल लालकुआं के लिए, बल्कि पूरे उत्तराखंड राज्य के लिए गर्व की बात है।

देहरादून की रैंकिंग में निराशाजनक प्रदर्शन

राजधानी देहरादून नगर निगम को इस बार की रैंकिंग में 62वां स्थान प्राप्त हुआ है। यह प्रदर्शन अपेक्षाओं से काफी नीचे रहा, खासकर तब जब पिछले वर्षों में शहर ने कई स्वच्छता अभियानों में सक्रिय भागीदारी की थी। देहरादून का रैंक राष्ट्रीय स्तर पर औसत माना जा रहा है, जिससे नगर निगम की योजनाओं और क्रियान्वयन में सुधार की आवश्यकता सामने आई है।

हरबर्टपुर की रैंकिंग में गिरावट

हरबर्टपुर नगर पालिका की स्थिति इस बार और भी चिंताजनक रही। बीते सर्वेक्षण में जहां वह 56वें स्थान पर थी, वहीं इस बार तीन पायदान नीचे खिसक कर 59वें स्थान पर पहुंच गई। इतना ही नहीं, हरबर्टपुर अब तक खुले में शौच मुक्त (Open Defecation Free – ODF) घोषित नहीं हो पाई है, जो एक बुनियादी मानक है। इसके अलावा, नगर पालिका को कूड़ा मुक्त (Garbage Free City) स्टार रेटिंग में भी कोई स्थान नहीं मिल पाया है, जो शहर की सफाई व्यवस्था की कमियों की ओर इशारा करता है।

अन्य शहरों का प्रदर्शन

उत्तराखंड के अन्य शहरों की बात करें तो हरिद्वार को 363वीं, अल्मोड़ा को 907वीं, हल्द्वानी को 291वीं, कोटद्वार को 232वीं, और पिथौरागढ़ को 177वीं रैंक मिली है। ये आंकड़े साफ दर्शाते हैं कि प्रदेश के अधिकांश शहर स्वच्छता के मानकों पर अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं। विशेष रूप से पर्यटन स्थलों और धार्मिक नगरों की रैंकिंग में सुधार की सख्त आवश्यकता है।


निष्कर्ष

स्वच्छता सर्वेक्षण 2024-25 के नतीजे यह स्पष्ट करते हैं कि उत्तराखंड को स्वच्छता के क्षेत्र में अभी लंबा सफर तय करना है। लालकुआं की उपलब्धि जहां प्रेरणा देती है, वहीं देहरादून, हरबर्टपुर और अन्य शहरों की स्थिति नगर निकायों की कार्यशैली पर सवाल खड़े करती है। आने वाले समय में यदि ठोस योजना और सतत प्रयास किए जाएं, तो राज्य स्वच्छता रैंकिंग में बेहतर स्थान प्राप्त कर सकता है।

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