उत्तराखंड में स्वच्छता की बयार: 107 में से 27 निकायों ने सुधारी रैंकिंग

देहरादून, 18 जुलाई — केंद्र सरकार द्वारा जारी स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 के नतीजों ने उत्तराखंड के लिए संतोष और गर्व का अवसर प्रदान किया है। राज्य के कुल 107 नगर निकायों में से 27 निकायों की राष्ट्रीय रैंकिंग में उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया गया है। विशेष बात यह है कि गंगा नदी के किनारे स्थित ऋषिकेश के घाटों को देश के सबसे स्वच्छ घाट के रूप में चुना गया है।

छोटे नगर निकायों ने दिखाई जबरदस्त प्रगति

शहरी विकास विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इस बार बड़े शहरों के बजाय छोटे और मध्यम श्रेणी के नगर निकायों, जैसे नगर पंचायत और नगर पालिकाओं ने उल्लेखनीय प्रदर्शन करते हुए रैंकिंग में भारी छलांग लगाई है। कुछ नगर निकायों ने तो 2800 से अधिक स्थानों का सुधार भी किया है, जो कि राज्य के स्वच्छता प्रयासों की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।

उदाहरण के तौर पर:
  • रुद्रपुर की रैंकिंग में 349 अंक,
  • डोईवाला में 1219,
  • पिथौरागढ़ में 2434,
  • कोटद्वार में 73,
  • ऋषिकेश में 55,
  • रामनगर में 1913 स्थान का सुधार हुआ है।

20,000 से 50,000 की आबादी वाले नगरों की श्रेणी में भी मसूरी (1172), मुनि की रेती (627), टिहरी (1770), लक्सर (1031), अल्मोड़ा (2334), बागेश्वर (2502), नैनीताल (776) जैसे नगरों ने अच्छा प्रदर्शन किया है।20,000 से कम आबादी वाले नगरों में भी सुधारइस वर्ग में लालकुआं (1697), भीमताल (2857), भवाली (2738), विकासनगर (2173) आदि नगरों ने अपने-अपने स्थानों में शानदार सुधार किया है। गुलरभोज, नरेंद्रनगर, लोहाघाट, भिकियासैंण जैसे कम चर्चित निकायों ने भी सराहनीय योगदान दिया।


लालकुआं, रुद्रपुर, मसूरी चमके स्वच्छता रैंकिंग में

स्वच्छता सर्वेक्षण में लालकुआं को ‘उभरते हुए स्वच्छ शहर’ के रूप में राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया गया, जिससे पूरे राज्य में गर्व की लहर है। इसी प्रकार रुद्रपुर और मसूरी जैसे नगरों ने भी राष्ट्रीय स्तर पर शानदार प्रदर्शन कर अपनी स्थिति को सशक्त किया।पिछले वर्ष जहां नगर निगम देहरादून और मुनि की रेती को सम्मानित किया गया था, इस बार उनकी स्थिति थोड़ी डगमगाई। देहरादून नगर निगम की राष्ट्रीय रैंकिंग छह अंकों से सुधरी है लेकिन राज्य रैंकिंग गिरकर 13वें स्थान पर आ गई है। वहीं मुनि की रेती अब अपनी श्रेणी में 17वें स्थान पर खिसक गई है।


कचरा मुक्त शहरों में भी उत्तराखंड ने बढ़ाया कदम

पिछले वर्ष केवल देहरादून को ही 3-स्टार कचरा मुक्त शहर का दर्जा मिला था, जबकि इस वर्ष लालकुआं, रुद्रपुर, डोईवाला, विकासनगर को 1-स्टार की मान्यता प्राप्त हुई है। हालांकि देहरादून इस बार इस सूची से बाहर हो गया।डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण के मोर्चे पर राज्य का प्रदर्शन थोड़ा कमजोर रहा है। पिछली बार जहां यह प्रतिशत 69.76% था, इस बार यह घटकर 56.6% रह गया है।


कैंटोनमेंट बोर्डों की रैंकिंग

राज्य के 9 छावनी क्षेत्रों में से लैंसडौन कैंट को 17वां, रानीखेत को 18वां, रुड़की को 22वां, देहरादून गढ़ी कैंट को 29वां स्थान प्राप्त हुआ है। यह प्रदर्शन संकेत करता है कि सैन्य क्षेत्र भी स्वच्छता अभियान में बराबरी से योगदान दे रहे हैं।


गंगा टाउन श्रेणी में उत्तराखंड का स्थान

गंगा नदी के किनारे बसे शहरों की श्रेणी में प्रयागराज को पहला स्थान प्राप्त हुआ है, जबकि उत्तराखंड के मुनिकीरेती को 17वां, हरिद्वार को 18वां, गौचर को 27वां, श्रीनगर को 30वां, और जोशीमठ को 57वां स्थान मिला है।


उत्तराखंड के टॉप 20 नगर निकायों की रैंकिंग इस प्रकार रही:

नगर निकायराज्य रैंकराष्ट्रीय रैंक (2024)पूर्व रैंक (2023)
लालकुआं01541751
रुद्रपुर0268417
मसूरी031691341
डोईवाला042991518
पिथौरागढ़051772611
भीमताल063503207
भवाली073523090
चिन्यालीसौड़083573008
कोटद्वार09232305
ऋषिकेश10249304
विकासनगर115102683
बड़कोट125273411
देहरादून136268
हल्द्वानी14291211
रामनगर152952208
गुलरभोज166312197
मुनि-की-रेती175611188
नरेंद्रनगर186621471
लोहाघाट196702637
हरिद्वार20363176

निष्कर्ष:

उत्तराखंड ने स्वच्छ भारत अभियान में उल्लेखनीय भागीदारी निभाई है। जहां एक ओर छोटे नगर निकायों ने शानदार प्रदर्शन कर राज्य का मान बढ़ाया है, वहीं कुछ बड़े नगर निगमों को अपनी रणनीतियों पर फिर से विचार करने की आवश्यकता है। ऋषिकेश के गंगा घाटों की “देश के सबसे स्वच्छ घाट” के रूप में पहचान एक प्रेरणादायक उपलब्धि है, जो आने वाले वर्षों में और अधिक सुधार और सहयोग की दिशा में मार्गदर्शक सिद्ध होगी।

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