
देहरादून में युवाओं का धर्मांतरण कराने की एक साजिश का पर्दाफाश हुआ है। छांगुर बाबा गिरोह के पांच सदस्यों के खिलाफ रानीपोखरी थाने में धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। यह गिरोह इंस्टाग्राम जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के ज़रिए युवाओं को निशाना बना रहा था और धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित कर रहा था। इस मामले में एक युवती भी आरोपी के रूप में सामने आई है।
कारोबारी की शिकायत से खुला मामला
यह कार्रवाई रानीपोखरी क्षेत्र के एक स्थानीय कारोबारी की शिकायत पर की गई, जिन्होंने बताया कि उनकी 21 वर्षीय बेटी का हाल के दिनों में व्यवहार बदल गया था। उन्हें संदेह हुआ और जब उन्होंने बेटी से पूछताछ की, तो चौकाने वाली जानकारी सामने आई। बेटी ने बताया कि वह कुछ मुस्लिम युवक-युवतियों के संपर्क में थी, जो उसे धर्म बदलने के लिए विभिन्न प्रलोभन दे रहे थे।
जब परिजनों ने युवती का मोबाइल फोन खंगाला, तो उसमें धर्म विशेष को श्रेष्ठ बताने और हिंदू धर्म के विरुद्ध वीडियो व संदेश मिले। इससे यह स्पष्ट हुआ कि एक संगठित ऑनलाइन रैकेट उसके ज़रिए सक्रिय रूप से धर्मांतरण की कोशिश कर रहा था।
यूपी एटीएस भी हुई सक्रिय
इस मामले में आरोपी अब्दुल रहमान को उत्तर प्रदेश एटीएस ने पहले ही पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया था। देहरादून पुलिस को जब इसकी जानकारी मिली तो एसएसपी अजय सिंह के निर्देश पर तत्काल एक टीम गठित की गई। एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) की मदद से कुछ संदिग्ध इंस्टाग्राम आईडी की तकनीकी निगरानी शुरू हुई।
सोशल मीडिया के जरिए फैला जाल
जांच में सामने आया कि धर्मांतरण के इस ऑनलाइन अभियान में इंस्टाग्राम का प्रमुख रूप से इस्तेमाल किया जा रहा था। गिरोह के सदस्य युवाओं को भावनात्मक रूप से प्रभावित करने वाले वीडियो और संदेश भेजते थे। उत्तराखंड से जुड़ी एक खास इंस्टाग्राम आईडी की ट्रेसिंग के बाद पता चला कि रानीपोखरी क्षेत्र की एक युवती इस रैकेट का हिस्सा है, जो शंकरपुर निवासी अब्दुल रहमान के संपर्क में थी।
आरोपियों के नाम और लोकेशन
जांच के बाद पुलिस ने जिन पांच आरोपियों पर मुकदमा दर्ज किया है, वे हैं:
- अब्दुल रहमान (शंकरपुर, सहसपुर – देहरादून)
- अबु तालिब (मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश)
- अयान (कनॉट प्लेस, दिल्ली)
- अमन (कनॉट प्लेस, दिल्ली)
- श्वेता (गोवा निवासी युवती, जिसने कथित रूप से धर्म बदल लिया है)
इन सभी के खिलाफ धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और पुलिस टीमों को विभिन्न राज्यों में आरोपियों की धरपकड़ के लिए रवाना कर दिया गया है।
एसएसपी का बयान
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि, “यह एक सुनियोजित साजिश थी जिसमें सोशल मीडिया का उपयोग कर युवाओं को भावनात्मक रूप से भटकाने और धर्म परिवर्तन के लिए मानसिक रूप से तैयार किया जा रहा था। हमने इस गिरोह के कई डिजिटल लिंक को ट्रेस किया है और तकनीकी सबूतों के आधार पर केस मजबूत किया जा रहा है।”
सोशल मीडिया पर धर्मांतरण का फैलता जाल – अभिभावकों को सचेत रहने की सलाह
यह मामला एक सतर्क माता-पिता की वजह से उजागर हो पाया, जिसने बेटी के व्यवहार में बदलाव देखकर समय रहते सच्चाई जानने की कोशिश की। पुलिस ने अभिभावकों से अपील की है कि वे अपने बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखें, क्योंकि सोशल मीडिया धर्मांतरण रैकेट का नया हथियार बनता जा रहा है।