
प्रदेश में नकली और घटिया गुणवत्ता वाली दवाओं के खिलाफ अब सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए ‘ऑपरेशन क्लीन’ नामक विशेष अभियान की शुरुआत कर दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा यह व्यापक कार्रवाई शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य प्रदेश को नशामुक्त उत्तराखंड बनाना और नागरिकों को गुणवत्ता युक्त व प्रमाणित दवाएं उपलब्ध कराना है।
फार्मा कंपनियों और मेडिकल स्टोर्स पर जांच अभियान
इस अभियान के तहत राज्यभर की फार्मास्युटिकल कंपनियों, थोक विक्रेताओं, और फुटकर मेडिकल स्टोर्स पर औचक निरीक्षण किए जाएंगे। निरीक्षण के दौरान संदिग्ध दवाओं के सैंपल लिए जाएंगे, जिन्हें आगे जांच के लिए प्रयोगशालाओं में भेजा जाएगा। यदि जांच में कोई दवा नकली, अधोमानक (सब-स्टैंडर्ड), मिसब्रांडेड या नशीली श्रेणी की पाई जाती है, तो संबंधित पर औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 और नियम 1945 के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
क्विक रिस्पांस टीम (QRT) की तैनाती
इस अभियान की निगरानी और तेजी से कार्रवाई के लिए एक क्विक रिस्पांस टीम (QRT) का गठन किया गया है, जिसकी अध्यक्षता सहायक औषधि नियंत्रक हेमंत सिंह नेगी कर रहे हैं। इस आठ सदस्यीय टीम में निम्न अधिकारी शामिल हैं:
- डॉ. सुधीर कुमार – सहायक औषधि नियंत्रक, मुख्यालय
- नीरज कुमार – वरिष्ठ औषधि निरीक्षक, मुख्यालय
- मीनाक्षी बिष्ट – वरिष्ठ औषधि निरीक्षक, नैनीताल
- सीपी नेगी – वरिष्ठ औषधि निरीक्षक, टिहरी
- अनिता भारती – वरिष्ठ औषधि निरीक्षक, हरिद्वार
- मानवेन्द्र सिंह राणा – औषधि निरीक्षक, देहरादून
- निशा रावत – औषधि निरीक्षक, मुख्यालय
- गौरी कुकरेती – औषधि निरीक्षक, मुख्यालय
जिलों को दो श्रेणियों में बाँटा गया
इस विशेष अभियान को प्रभावी बनाने के लिए प्रदेश के जिलों को दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है:
- श्रेणी-1: देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर, पौड़ी
- श्रेणी-2: अल्मोड़ा, रुद्रप्रयाग, टिहरी, उत्तरकाशी, चंपावत
हर सप्ताह जिलों से प्राप्त औषधियों के नमूनों की प्राथमिकता के आधार पर जांच की जाएगी, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि बाजार में कोई नकली या हानिकारक दवा बिक्री के लिए उपलब्ध न हो।
सीमावर्ती क्षेत्रों पर विशेष निगरानी
अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भारत-नेपाल सीमा और अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों पर सघन निगरानी रखना है। इन इलाकों से नकली और प्रतिबंधित दवाओं की तस्करी की आशंका के चलते प्रशासन अतिरिक्त सतर्कता बरत रहा है। स्थानीय अधिकारियों को सीमाओं पर लगातार नजर बनाए रखने और सूचना मिलते ही तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
टोल-फ्री हेल्पलाइन भी हुई शुरू
खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने नागरिकों से भी अपील की है कि वे नकली दवाओं के बारे में किसी भी प्रकार की सूचना तत्काल विभाग को दें। इसके लिए एक टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 18001804246 भी शुरू किया गया है, जिस पर आम जनता सीधे सूचना दे सकती है।
स्वास्थ्य सचिव का बयान
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि “ऑपरेशन क्लीन अभियान का उद्देश्य न केवल प्रदेश को नकली दवाओं से मुक्त करना है, बल्कि नागरिकों को केवल प्रमाणिक, परीक्षणित और सुरक्षित औषधियां उपलब्ध कराना भी है। इस अभियान के ज़रिए माफियाओं और अनाधिकृत औषधि विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”
यह ऑपरेशन आने वाले दिनों में उत्तराखंड को नकली दवा माफियाओं से मुक्त कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। प्रदेशवासी भी इस अभियान में सहयोग करें, यही शासन की अपील है।