
2025 का मानसून सत्र जैसे ही शुरू हुआ, वैसे ही यह हंगामे और तीखी राजनीतिक बहसों का अखाड़ा बन गया। पहले दिन ही लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही को दोपहर 2 बजे तक स्थगित करना पड़ा। कारण बना—एयर इंडिया हादसे, पहलगाम आतंकी हमला और ऑपरेशन सिंदूर जैसे संवेदनशील मुद्दों पर विपक्ष की आक्रामकता और सरकार की दृढ़ प्रतिक्रिया। इस सत्र की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश से हुई, जिसमें उन्होंने संसद से एकता और प्रगति का आह्वान किया। पीएम मोदी ने कहा कि यह सत्र भारत के लिए गौरव का अवसर है क्योंकि इसी समय अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर तिरंगा फहराया गया और सेना ने आतंकियों पर 22 मिनट में सर्जिकल स्ट्राइक कर दी।
राज्यसभा में पांच नए सांसदों ने शपथ ली, जिनमें मीनाक्षी जैन, सी. सदानंदन मास्टर और हर्षवर्धन श्रृंगला जैसे प्रतिष्ठित नाम शामिल हैं। सदन ने दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि दी और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे को जन्मदिन की शुभकामनाएं भी दीं। लेकिन कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दलों ने जोरदार हंगामा शुरू कर दिया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार पर हमला बोलते हुए सवाल किया कि जब रक्षा मंत्री को बोलने की अनुमति है, तो विपक्ष के नेता को क्यों रोका जा रहा है? प्रियंका गांधी ने भी इस मुद्दे को उठाया और विपक्ष को बोलने देने की मांग की।
इस दौरान नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने एयर इंडिया हादसे को लेकर बयान देते हुए कहा कि “हम सच के साथ खड़े हैं। इस हादसे की जांच अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल के तहत की जा रही है। पहली बार देश में ही ब्लैक बॉक्स की जांच हो रही है, जो एक बड़ी तकनीकी उपलब्धि है। अंतिम रिपोर्ट आने से पहले कोई भी निष्कर्ष निकालना अनुचित होगा।” उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी तथ्य को छुपा नहीं रही और पारदर्शी तरीके से काम कर रही है।
लोकसभा में संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सरकार चर्चा से नहीं डरती लेकिन विपक्ष नियमों के अनुसार चलने को तैयार नहीं है। उन्होंने बताया कि बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में शाम 2:30 बजे चर्चा का एजेंडा तय किया जाएगा और सरकार बहस के लिए तैयार है।
विपक्ष की ओर से कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर नियम 267 के तहत स्थगन प्रस्ताव दिए गए। इनमें डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत-पाक के बीच मध्यस्थता के दावे, मणिपुर हिंसा, बिहार में मतदाता सूची में गड़बड़ियां, और ऑपरेशन सिंदूर जैसे संवेदनशील मामले शामिल थे। कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी, रणदीप सुरजेवाला, सैयद नसीर हुसैन और बी. मणिकम टैगोर जैसे नेताओं ने सरकार की विदेश और रक्षा नीति पर सवाल उठाए।
सरकार की ओर से स्पष्ट कर दिया गया कि इन मुद्दों पर प्रधानमंत्री नहीं, बल्कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जवाब देंगे। विपक्ष पीएम मोदी की प्रतिक्रिया की मांग करता रहा, लेकिन संसदीय परंपराओं के अनुसार यह तय किया गया कि मंत्री ही इन मुद्दों पर जवाबदेह होंगे। पीएम मोदी ने हालांकि विपक्ष से एकजुटता की अपील की और कहा कि भारत के हित में सबको मिलकर चलना होगा।
इस बीच संसद परिसर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और सोशल मीडिया पर भी मानसून सत्र से जुड़ी खबरें ट्रेंड करने लगी हैं। पहले दिन की कार्यवाही से साफ हो गया है कि यह सत्र बेहद गरमाने वाला है। विपक्ष पूरी तैयारी से आया है और सरकार के लिए हर मुद्दे पर जवाब देना आसान नहीं होगा। आने वाले दिनों में यह सत्र कई बड़े राजनीतिक घटनाक्रम का गवाह बन सकता है।