
बॉलीवुड अभिनेता श्रेयस तलपड़े को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। शीर्ष अदालत ने एक धोखाधड़ी और विश्वासघात के मामले में उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। यह मामला एक मल्टी-लेवल मार्केटिंग स्कीम से जुड़ा है, जिसमें अभिनेता को ब्रांड एंबेसडर के तौर पर शामिल किया गया था। इस मामले में सोनीपत, हरियाणा में एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें अभिनेता श्रेयस तलपड़े, वरिष्ठ अभिनेता आलोक नाथ और अन्य 11 लोगों को आरोपी बनाया गया था।
सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने श्रेयस तलपड़े की याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा पुलिस और अन्य संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया है। याचिका में अभिनेता ने दलील दी थी कि उन्हें गलत तरीके से मामले में घसीटा गया है, जबकि उनका स्कीम के संचालन से कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं रहा है।
मामले की जड़ें एक सोसाइटी से जुड़ी हैं, जिसने चिटफंड स्कीम चलाकर आम लोगों से करोड़ों रुपये वसूले। इस स्कीम में दावा किया गया था कि छह साल में निवेश दोगुना हो जाएगा। आरोप है कि सोसाइटी ने श्रेयस तलपड़े और आलोक नाथ को अपना ब्रांड एंबेसडर बताकर लोगों का विश्वास हासिल किया और करीब 45 निवेशकों से कुल 9.12 करोड़ रुपये ठग लिए। इस स्कीम के तहत एजेंट्स को “मैनेजर” का पद देकर उनसे और निवेशकों को जोड़ने को कहा गया था।
जैसे-जैसे स्कीम में पैसा बढ़ता गया, नवंबर में सोसाइटी के दफ्तर अचानक बंद होने लगे। इससे लोगों को संदेह हुआ और उन्होंने शिकायतें दर्ज करानी शुरू कीं। इस घोटाले के पीड़ितों ने पहले पुलिस के पास और फिर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। नतीजतन, लखनऊ के गोमती नगर विस्तार थाने में भी इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई, जिसमें तलपड़े, आलोक नाथ और स्कीम से जुड़े अन्य संचालकों को नामजद किया गया।
इस पूरे मामले की जांच अभी जारी है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट की ओर से गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक लगना अभिनेता श्रेयस तलपड़े के लिए बड़ी राहत मानी जा रही है।