
उत्तर प्रदेश का आगरा एक्सप्रेसवे, जो कि तेज और सुरक्षित यात्रा के लिए बनाया गया था, आज खुद हादसों का अड्डा बनता जा रहा है। बीते वर्ष 2024 में प्रदेश के सभी छह एक्सप्रेसवे की तुलना में सबसे अधिक 162 मौतें इसी एक्सप्रेसवे पर दर्ज की गई थीं। वर्ष 2025 में भी हालात में कोई खास सुधार नहीं आया है। खासतौर पर फतेहाबाद क्षेत्र में लगातार हादसों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है, जिनके पीछे एक प्रमुख कारण है – एक्सप्रेसवे के किनारे अवैध रूप से खुले ढाबे और दुकानें।इन ढाबों और दुकानों तक पहुंचने के लिए कुछ संचालकों ने सुरक्षा के लिए लगाई गई जालियों और तार बाड़ को काट दिया है। इन अवैध रास्तों से वाहन चालकों की आवाजाही हो रही है, जिससे कई बार तेज रफ्तार में चलने वाले वाहन अचानक रुक जाते हैं और टकराव की स्थिति बनती है। इसके अलावा इन रास्तों से जानवर भी एक्सप्रेसवे पर पहुंचने लगे हैं, जो कि और भी घातक साबित हो सकता है।302 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे पर केवल चार अधिकृत रेस्ट एरिया बनाए गए हैं – दो हर ओर। जबकि भारी और लंबी दूरी तय करने वाले वाहनों की संख्या को देखते हुए ये संख्या बेहद कम है। रुकने के लिए ढाबों की कमी ने अवैध रूप से ढाबों और दुकानों की बाढ़ ला दी है, जो कानून और सुरक्षा दोनों के खिलाफ है।
हालिया बड़े हादसे जो चेतावनी बनकर उभरे:
- 3 जुलाई की रात को एक प्राइवेट बस ने ट्रक में पीछे से टक्कर मार दी, जिससे बस चालक की मौत हो गई और सात लोग घायल हो गए।
- 5 जुलाई की सुबह एक खड़ी कार में कंटेनर ने टक्कर मार दी, जिसमें चार लोग घायल हुए।
- 7 जुलाई की रात फिर से एक प्राइवेट बस ने ट्रक में टक्कर मारी, जिसमें 20 यात्री घायल हो गए।
- 12 जुलाई को माइलस्टोन नंबर 24 के पास एक तेज रफ्तार कार ट्रॉला में पीछे से टकरा गई, जिसमें चार लोग घायल हुए।
सुरक्षा में बड़ी चूक:
एक्सप्रेसवे को जानवरों से सुरक्षित रखने के लिए दोनों ओर जाली लगाई गई थी, लेकिन इन जालियों को काटकर अवैध प्रवेश द्वार बना दिए गए हैं। यही नहीं, दुकानों और ढाबों के लिए बनाए गए इन रास्तों से अब वाहन भी बेतरतीब खड़े होने लगे हैं। इससे न सिर्फ एक्सप्रेसवे की गति बाधित होती है, बल्कि हादसों का खतरा भी कई गुना बढ़ गया है।यूपीडा के मुख्य सुरक्षा अधिकारी आरएन सिंह ने स्वीकार किया कि कुछ जगहों पर तार बाड़ काटने की घटनाएं सामने आई हैं। उन्होंने बताया कि समय-समय पर ऐसे लोगों की पहचान कर कार्रवाई की जाती है और अब सीसीटीवी निगरानी को और बेहतर बनाया जा रहा है ताकि इस पर सख्त नजर रखी जा सके। साथ ही उन्होंने आम जनता से अपील की है कि वे सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने में प्रशासन का सहयोग करें।इस पूरे मामले में अब जरूरत है कड़े कानून के साथ-साथ सख्त निगरानी की। यदि इन ढाबा संचालकों पर उचित कानूनी कार्रवाई नहीं हुई, तो आने वाले समय में यह एक्सप्रेसवे लोगों की जान का दुश्मन बन सकता है।