
उत्तर प्रदेश में अवैध धर्मांतरण के बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें छात्राओं को सुनियोजित तरीके से ब्रेनवॉश कर उनका धर्म परिवर्तन करवाया जा रहा था। इस केस में गोवा की एसबी कृष्णा उर्फ ‘आयशा’ की गिरफ्तारी के साथ कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। एमएससी डाटा साइंस की पढ़ाई के दौरान पंजाब यूनिवर्सिटी में आयशा कश्मीरी छात्राओं के संपर्क में आई, जिन्होंने उसे इस्लाम की ओर आकर्षित किया और उसके विचारों में बड़ा बदलाव किया।कश्मीरी छात्राएं उसे कश्मीर ले गईं और कई दिन साथ रखा। वहां से लौटने के बाद आयशा के परिवार ने उसे वापस दिल्ली लाकर उससे संपर्क तोड़ने की कोशिश की, लेकिन कुछ ही महीनों में वह फिर से धर्मांतरण गिरोह के संपर्क में आ गई। इसके बाद वह कोलकाता चली गई, अपना धर्म बदला और अब्दुल रहमान के माध्यम से धर्मांतरण गतिविधियों को फंड करने लगी। आयशा के पास से कई व्हाट्सएप ग्रुप की जानकारी मिली है, जिनका इस्तेमाल युवाओं को जोड़ने और उन्हें ब्रेनवॉश करने के लिए किया जाता था।
मोहब्बत की आड़ में मजहबी बदलाव
वहीं, जयपुर से पकड़े गए पियूष पंवार उर्फ मोहम्मद अली का मामला भी सामने आया, जिसने टोंक की एक युवती के प्यार में पड़कर इस्लाम कबूल कर लिया। युवती से संपर्क टूटने के बाद वह कलीम सिद्दीकी के नेटवर्क में जुड़ गया और PFI से जुड़कर धर्मांतरण गतिविधियों में शामिल हो गया। मोहम्मद अली अब “घर वापसी” की इच्छा जता रहा है और पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।
आगरा की बहनों को बहकाने वाला मोहम्मद इब्राहिम
आगरा की दो बहनों को धर्म परिवर्तन के लिए कोलकाता पहुंचाने का जिम्मा मोहम्मद इब्राहिम ने निभाया, जिसने इंस्टाग्राम पर उन्हें वीडियो भेजे और धार्मिक साहित्य डाक से पहुंचाया। इसी नेटवर्क के मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान को दिल्ली के मुस्तफाबाद से गिरफ्तार किया गया है।
मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान उर्फ महेंद्र
दिल्ली से गिरफ्तार अब्दुल रहमान का असली नाम महेंद्र पाल यादव था, जो पहले ईसाई और फिर मुस्लिम धर्म में परिवर्तित हुआ। वह अब कलीम सिद्दीकी के नेटवर्क का प्रमुख संचालनकर्ता बन गया है। पुलिस के मुताबिक, रहमान कनाडा निवासी दाऊद अहमद के संपर्क में है और उसकी फंडिंग में भी संलिप्त है। उसके घर से भारी मात्रा में जाकिर नाइक और कलीम सिद्दीकी से जुड़े साहित्य और धर्म परिवर्तन के प्रचार के लिए उपयोग की जाने वाली पुस्तकें बरामद हुई हैं।
बड़े स्तर पर फंडिंग और प्रचार सामग्री
अब्दुल रहमान के घर की तलाशी में पुलिस को दो मंजिला आलीशान मकान मिला, जिसमें धर्मांतरण से जुड़ी पुस्तकें, पर्चे और प्रचार सामग्री जब्त की गई। उसकी संस्था ग्लोबल पीस सेंटर दिल्ली स्थित शाहीन बाग से जुड़ी हुई थी। वहां से प्राप्त साहित्य में कई संदिग्ध नाम दर्ज हैं।
कलीम सिद्दीकी को मिल चुकी है उम्रकैद
यूपी एटीएस ने 2021 में कलीम सिद्दीकी को अवैध सामूहिक धर्मांतरण के मामले में गिरफ्तार किया था। मेडिकल एंट्रेंस में 57वीं रैंक पाने वाला कलीम डॉक्टर बनने की बजाय मौलाना बन गया और मदरसे खोलकर अंतरराष्ट्रीय फंडिंग से मजहबी बदलाव का अभियान चलाता रहा। अब वह आजीवन कारावास की सजा काट रहा है।
पुलिस की कार्रवाई जारी
धर्मांतरण गिरोह में अब तक कुल 10 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। पुलिस आयशा सहित सभी से रिमांड पर पूछताछ कर रही है। गिरोह की फंडिंग, नेटवर्क और विदेशी कनेक्शन की जांच जारी है। इस केस से एक बार फिर साफ हो गया है कि धर्मांतरण अब व्यक्तिगत आस्था का मामला नहीं, बल्कि एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा बनता जा रहा है।