
प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना के तहत उत्तराखंड की दो प्रमुख धार्मिक और शहरी नगरी—हरिद्वार और देहरादून—अब जल्द ही हरियाली से चलने वाली, पर्यावरण अनुकूल इलेक्ट्रिक बसों की सुविधा से जुड़ने जा रही हैं। इस योजना के अंतर्गत दोनों शहरों में 150 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जाएगा, जिससे न केवल पब्लिक ट्रांसपोर्ट व्यवस्था को नई रफ्तार मिलेगी, बल्कि 750 से अधिक रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में परिवहन विभाग की गेमचेंजर योजनाओं की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए संबंधित अधिकारियों को इस योजना के तहत सभी बुनियादी ढांचे—जैसे बस अड्डे, पार्किंग स्थल और चार्जिंग स्टेशन—का निर्माण समयबद्ध और गुणवत्ता के साथ पूरा करने के निर्देश दिए।वर्तमान में 28 स्थानों पर ई-व्हीकल चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जा चुके हैं, और आने वाले महीनों में चार्जिंग नेटवर्क को और अधिक विस्तार देने की योजना है। बस अड्डों के निर्माण और चार्जिंग अवसंरचना के लिए कार्य प्रारंभ हो चुका है। बहुत जल्द इलेक्ट्रिक बसों की खरीद प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी, ताकि यह योजना इसी वित्तीय वर्ष के भीतर लागू की जा सके।मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट निर्देश दिए कि इस योजना का क्रियान्वयन केवल परिवहन सुविधा तक सीमित न रहे, बल्कि इसका उद्देश्य राज्य की पर्यावरणीय स्थिति में सुधार, वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण में कमी, और स्वस्थ एवं टिकाऊ शहरी जीवन को सुनिश्चित करना भी होना चाहिए।उन्होंने कहा कि राज्य में आने वाले बाहरी वाहनों पर ग्रीन सेस (Green Cess) लागू करने की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए, जिससे राजस्व बढ़ाया जा सके और पर्यावरण की रक्षा को प्रोत्साहन मिल सके। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने परिवहन निगम की आय बढ़ाने के लिए नई रणनीतियाँ अपनाने पर जोर दिया, जैसे—बस अड्डों, पार्किंग स्थलों, गेस्ट हाउसों, पेट्रोल पंपों और अन्य प्रमुख स्थलों पर ई-चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना को सुनिश्चित करना।बैठक के दौरान परिवहन निगम की प्रबंध निदेशक रीना जोशी ने जानकारी दी कि यह योजना मुख्यतः राज्य के नागरिकों को सुगम, सुलभ और पर्यावरण अनुकूल यातायात सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की जा रही है। इसके अतिरिक्त, इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।उन्होंने बताया कि इस योजना के लिए भारत सरकार से 27.38 करोड़ रुपये का अनुमोदन प्राप्त हो चुका है, जिससे आधारभूत संरचना तैयार करने में तेजी आएगी।बैठक में मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, अवसंरचना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर और परिवहन विभाग के अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।यह योजना न केवल उत्तराखंड की ट्रांसपोर्ट प्रणाली को नया स्वरूप देगी, बल्कि राज्य को ई-मोबिलिटी और ग्रीन एनर्जी की दिशा में एक बड़ी छलांग लेने में मदद करेगी। आने वाले समय में उत्तराखंड देश के उन अग्रणी राज्यों में शामिल हो सकता है जो ई-ट्रांसपोर्ट को प्राथमिकता देकर पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक विकास दोनों को साथ लेकर चलने की मिसाल पेश करेंगे।