
भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को अपने पद से अचानक इस्तीफा देकर पूरे देश को चौंका दिया। संसद के मानसून सत्र की शुरुआत के दिन ही उन्होंने यह बड़ा निर्णय लिया। अपने इस्तीफे में उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया, जिसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अगले ही दिन, यानी मंगलवार को मंजूर कर लिया। इस घटनाक्रम के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर धनखड़ के अच्छे स्वास्थ्य की कामना की।
लेकिन क्या यह इस्तीफा सिर्फ स्वास्थ्य कारणों की वजह से हुआ? या इसके पीछे कुछ और भी था जो अब धीरे-धीरे सामने आ रहा है? रिपोर्ट्स और सियासी हलकों में चर्चा है कि धनखड़ के इस्तीफे के पीछे जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ लाया गया महाभियोग प्रस्ताव (Impeachment Motion) एक बड़ी वजह बना।
दरअसल, उपराष्ट्रपति होने के साथ-साथ धनखड़ राज्यसभा के सभापति भी थे। इसी हैसियत में उन्होंने विपक्ष द्वारा लाए गए महाभियोग प्रस्ताव को स्वीकार किया था। इस प्रस्ताव में विपक्ष के 63 सांसदों के हस्ताक्षर थे। यह प्रस्ताव जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ लाया गया था।
महत्वपूर्ण बात यह है कि धनखड़ ने इस प्रस्ताव को स्वीकार तो किया, लेकिन इस बाबत सरकार के फ्लोर लीडर्स को जानकारी नहीं दी। इसका मतलब साफ था कि वे इस विषय को पहले राज्यसभा में लाकर विपक्ष को मौका देना चाहते थे, जिससे विपक्ष को राजनीतिक बढ़त मिल सकती थी।
यह कदम केंद्र सरकार और सत्ता पक्ष को रास नहीं आया। सूत्रों के मुताबिक, इस घटनाक्रम के बाद सरकार और धनखड़ के बीच मतभेद गहरे हो गए। राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि धनखड़ अपने अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप से आहत थे और उन्हें यह महसूस हुआ कि उनकी भूमिका को सीमित किया जा रहा है।
इन परिस्थितियों के बीच, संभव है कि धनखड़ ने खुद को राजनीतिक रूप से असहज महसूस किया और स्वाभिमानी फैसला लेते हुए इस्तीफा दे दिया।
हालांकि, अब तक आधिकारिक तौर पर यह कहा गया है कि इस्तीफा स्वास्थ्य कारणों से दिया गया है, लेकिन जस्टिस वर्मा महाभियोग प्रकरण की टाइमिंग और घटनाओं का क्रम यह संकेत देता है कि यह मुद्दा भी इस फैसले की एक बड़ी वजह बना।
अब यह देखना होगा कि इस घटनाक्रम के बाद राज्यसभा में राजनीतिक संतुलन कैसे बनता है और नए उपराष्ट्रपति के रूप में कौन जिम्मेदारी संभालता है। साथ ही, यह भी स्पष्ट होगा कि न्यायपालिका और विधायिका के बीच शक्ति संतुलन की रेखाएं अब कैसे खिंचेंगी।