भारत-पाक संघर्ष में ‘शांति-दूत’ बनने का ट्रंप का दावा, भारत ने किया खंडन

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर चर्चा में हैं, और इस बार भी वजह है उनका एक बड़ा और चौंकाने वाला दावा। ट्रंप ने हाल ही में एक समारोह के दौरान कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच जो संघर्ष हुआ था, उसे उन्होंने रोका था। उन्होंने यह भी कहा कि अगर उन्होंने हस्तक्षेप नहीं किया होता, तो यह टकराव ‘परमाणु युद्ध’ में बदल सकता था।

व्हाइट हाउस में दिए गए बयान में ट्रंप ने विस्तार से कहा कि,
“हमने भारत और पाकिस्तान के बीच जंग रोकी। उस समय दोनों देश बार-बार एक-दूसरे पर हमला कर रहे थे। पांच विमान मार गिराए गए थे। मैंने दोनों देशों के नेताओं को कॉल किया और सख्ती से कहा कि अब और हमला नहीं होगा, नहीं तो व्यापार बंद कर दूंगा। दोनों देश परमाणु ताकत रखते हैं और यह मामला और खतरनाक हो सकता था। मैंने इसे रोक दिया।”

ट्रंप ने अपने भाषण में यह भी जोड़ा कि उन्होंने कांगो और रवांडा के बीच संभावित युद्ध को भी रोका। उनका कहना था कि उनके कार्यकाल में कई ऐसे मौके आए जब उन्होंने दुनिया को बड़े युद्धों से बचाया।

🔍 भारत की प्रतिक्रिया

हालांकि, भारत की ओर से इस पर साफ प्रतिक्रिया दी गई है। भारत ने ट्रंप के इस बयान को ‘बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया और तथ्यहीन’ बताया। सूत्रों के मुताबिक, भारत-पाक मामलों में किसी तीसरे देश की मध्यस्थता को भारत पहले भी नकारता रहा है, और इस बार भी यही रुख अपनाया गया। भारत का स्पष्ट मत रहा है कि पाकिस्तान के साथ किसी भी बातचीत या कार्रवाई का निर्णय भारत खुद के सामरिक और कूटनीतिक हितों को देखते हुए लेता है, न कि किसी अन्य देश के कहने पर।

💥 ट्रंप की राजनीति या प्रचार?

विशेषज्ञों का मानना है कि डोनाल्ड ट्रंप इस तरह के दावे अपनी छवि बनाने और आगामी चुनावी माहौल में प्रचार के लिए करते हैं। 2020 से पहले भी ट्रंप ने भारत-पाक विवाद के समय ‘मध्यस्थता’ की पेशकश की थी, जिसे भारत ने सार्वजनिक रूप से खारिज कर दिया था।

ट्रंप की इस नई टिप्पणी को कूटनीतिक हलकों में हल्के में लिया गया है, लेकिन सोशल मीडिया पर इस पर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं।

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