
उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण के बड़े नेटवर्क को संचालित करने वाले छांगुर उर्फ जमालुद्दीन के खिलाफ प्रशासन की सख्त कार्रवाई लगातार जारी है। शनिवार को इस मामले में एक और बड़ी कार्रवाई हुई, जब छांगुर के भतीजे सबरोज के सरकारी जमीन पर बने अवैध ठिकाने को बुलडोजर से जमींदोज कर दिया गया। यह ठिकाना बहराइच जिले के गैडास बुजुर्ग थाना क्षेत्र के रेहरा माफी गांव में स्थित था, जिसे प्रशासन ने गैरकानूनी करार देते हुए ध्वस्त कर दिया। कार्रवाई के दौरान सुरक्षा के मद्देनज़र भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था।
प्रशासन की रिपोर्ट के अनुसार, सबरोज न सिर्फ छांगुर का करीबी है, बल्कि उसके अवैध धर्मांतरण गिरोह का एक सक्रिय सदस्य भी है। छांगुर का नेटवर्क देशभर में फैला हुआ था, और उसने लगभग 3000 से अधिक लोगों का जबरन या छलपूर्वक धर्मांतरण कराया है। इतना ही नहीं, छांगुर पर राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने के गंभीर आरोप भी लगे हैं। जांच एजेंसियों को छांगुर के विदेशी कनेक्शन, खासकर दुबई, सऊदी अरब और तुर्की जैसे देशों में सक्रिय संदिग्ध और प्रतिबंधित संस्थाओं से जुड़ाव के पुख्ता सुराग मिले हैं।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी अब इस मामले में सक्रिय हो चुका है और छांगुर तथा उसके नेटवर्क से जुड़े लोगों की आर्थिक लेन-देन और फंडिंग की जांच कर रहा है। कई बैंक अकाउंट्स, संपत्तियों और विदेशी ट्रांजेक्शनों की स्कैनिंग की जा रही है। शुरुआती जांच में यह स्पष्ट हो चुका है कि छांगुर का गिरोह सुनियोजित तरीके से देश में सांप्रदायिक अस्थिरता फैलाने के मिशन पर था, और इसका संचालन कुछ अंतरराष्ट्रीय संगठनों की छत्रछाया में हो रहा था।
छांगुर के खिलाफ शिकायतों का सिलसिला भी जारी है। देश के कई राज्यों के लोग, जो कभी इस गिरोह का शिकार हुए, अब सामने आकर अपनी आपबीती सुना रहे हैं। इस कार्रवाई से लोगों में न्याय और सुरक्षा की भावना मजबूत हुई है और छांगुर तथा उसके सहयोगियों की पहचान तेजी से हो रही है।
प्रदेश सरकार ने स्पष्ट किया है कि ऐसे किसी भी देशद्रोही और सांप्रदायिक तत्व को बख्शा नहीं जाएगा। अवैध गतिविधियों में शामिल लोगों की संपत्तियों पर बुलडोजर चलता रहेगा और पूरे नेटवर्क को जड़ से उखाड़ फेंका जाएगा।