
गुजरात में आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस पार्टी ने अपने रणनीतिक अभियान ‘मिशन 2027’ का आगाज़ कर दिया है। इस अभियान की शुरुआत करने के लिए कांग्रेस नेता और संसद में विपक्ष के नेता राहुल गांधी 26 जुलाई को गुजरात पहुंचे। वडोदरा एयरपोर्ट पर राहुल गांधी का स्वागत कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं, कार्यकर्ताओं और स्थानीय समर्थकों द्वारा गर्मजोशी से किया गया।
राहुल गांधी सबसे पहले आनंद जिले में पार्टी द्वारा आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में शामिल हुए, जिसमें हाल ही में नियुक्त किए गए जिला कांग्रेस अध्यक्षों को संगठन की रणनीति, जमीनी कार्य, और जनसंपर्क पर मार्गदर्शन दिया जा रहा है। कांग्रेस का मानना है कि यदि पार्टी को 2027 के विधानसभा चुनाव में प्रभावी रूप से चुनौती देनी है, तो संगठन को ग्राम स्तर तक मजबूत करना अनिवार्य है। इसी उद्देश्य से यह प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया है, जिसका उद्घाटन राहुल गांधी ने 26 जुलाई को सुबह 11 बजे किया।
सहकारी दुग्ध समितियों से संवाद
प्रशिक्षण शिविर के उद्घाटन के बाद राहुल गांधी ने वडोदरा जिले के जितोदिया गांव का दौरा किया, जहां उन्होंने सहकारी दुग्ध उत्पादकों और सहकारी संस्थाओं के नेताओं के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक का उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाने वाली सहकारी व्यवस्था को समझना, उसकी वर्तमान चुनौतियों को जानना और कांग्रेस की आगामी नीतियों में इन मुद्दों को प्राथमिकता देना था।
बैठक में दूध उत्पादकों की समस्याओं पर गहन चर्चा हुई – जैसे दूध खरीद दरों में गिरावट, भुगतान में देरी, सहकारी समितियों में पारदर्शिता की कमी और केंद्र सरकार की नीति का स्थानीय किसानों पर असर। यह बैठक खासकर उस संदर्भ में और भी महत्वपूर्ण हो जाती है जब हाल ही में साबर डेयरी के बाहर दूध उत्पादकों ने विरोध प्रदर्शन किया था। किसानों का आरोप था कि अमूल ब्रांड से जुड़ी यह प्रमुख सहकारी संस्था किसानों को उनके उत्पाद का वाजिब मूल्य नहीं दे रही।
सहकारी मॉडल पर भाजपा पर तीखा हमला
गुजरात कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य की प्रतिष्ठित सहकारी प्रणाली को पिछले कुछ वर्षों में जानबूझकर कमजोर किया गया है। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष दोषी ने कहा कि, “कभी गुजरात का सहकारी मॉडल पूरे देश में आदर्श माना जाता था, लेकिन भाजपा के लंबे शासनकाल में इस व्यवस्था में भ्रष्टाचार, पक्षपात और कुप्रबंधन बढ़ा है।” राहुल गांधी ने अपने संवाद में इस बात पर ज़ोर दिया कि कांग्रेस सत्ता में आने पर सहकारी संस्थाओं में पारदर्शिता, जवाबदेही और किसानों के लिए न्यायसंगत नीति सुनिश्चित करेगी।
किसानों के मुद्दों को चुनावी एजेंडे में शामिल करने का संकेत
राहुल गांधी का यह दौरा केवल सहानुभूति जताने के लिए नहीं था, बल्कि कांग्रेस के आगामी चुनावी एजेंडे की नींव रखने के लिए था। उन्होंने दुग्ध उत्पादन लागत, लाभदायक मूल्य, किसानों के अधिकार और समिति प्रबंधन में भागीदारी जैसे विषयों पर खुलकर चर्चा की। किसानों ने भी अपनी समस्याएं बेझिझक सामने रखीं, जिनमें मुख्य रूप से दूध की कीमतों का निर्धारण, सरकारी सब्सिडी का अभाव, और निजी कंपनियों के दबाव में सहकारी समितियों का झुकाव जैसी चिंताएं शामिल थीं।
प्रशिक्षण शिविर से संगठन मज़बूत करने की दिशा में कदम
राहुल गांधी का आनंद में आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में शामिल होना यह संकेत देता है कि कांग्रेस अब केवल रैली या भाषणों तक सीमित नहीं रहना चाहती, बल्कि संगठनात्मक स्तर पर सशक्त बदलाव की दिशा में अग्रसर है। नए नियुक्त जिला अध्यक्षों को न केवल पार्टी की विचारधारा, बल्कि जमीनी मुद्दों और चुनावी रणनीति पर भी प्रशिक्षित किया जा रहा है। शिविर के माध्यम से कांग्रेस ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह पूरी तैयारी के साथ ‘मिशन 2027’ में उतर रही है।
मिशन 2027 की औपचारिक शुरुआत
गुजरात कांग्रेस राहुल गांधी के इस दौरे को मिशन 2027 की औपचारिक शुरुआत मान रही है। यह दौरा न केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे किसानों, सहकारी समितियों और पार्टी कार्यकर्ताओं में एक नया विश्वास भी पैदा हुआ है। राहुल गांधी की मौजूदगी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार किया और साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया कि पार्टी अब जमीनी मुद्दों पर केंद्रित होकर संगठन को सशक्त बनाने के लिए पूरी तरह तैयार है।