
भारतीय टेलीविजन के इतिहास में अगर किसी शो ने दर्शकों के दिलों पर राज किया है, तो वो है ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’। साल 2000 से 2008 तक चला ये शो ना सिर्फ TRP की रेस में सबसे आगे रहा, बल्कि भारतीय संस्कृति, संयुक्त परिवार, और आदर्श बहू की एक नई परिभाषा भी गढ़ दी। शो की लीड किरदार ‘तुलसी विरानी’ बन गईं घर-घर की जान, और इस किरदार को जीवंत करने वाली थीं – स्मृति ईरानी, जो आज एक सफल राजनेता के रूप में भी जानी जाती हैं।
हाल ही में शो के री-लॉन्च अवसर पर एकता कपूर और स्मृति ईरानी ने एक खास लाइव बातचीत की, जिसमें एकता ने उस किस्से को शेयर किया जिसने स्मृति को ‘तुलसी’ बना दिया।
📺 जब शोभा कपूर ने देखा टैलेंट
एकता कपूर ने बातचीत में बताया कि यह निर्णय पूरी तरह से उनकी मां शोभा कपूर का था। एकता ने खुलासा किया, “मेरी मां ने एक दिन मुझे बुलाया और कहा – ‘एक लड़की देखी है, जो ट्विंकल खन्ना जैसी दिखती है। उसकी आंखों में कुछ खास है। उसे अपने अगले शो में कास्ट करो।’”
हालांकि एकता उस वक्त निश्चित नहीं थीं, लेकिन मां के विश्वास को देखते हुए उन्होंने स्मृति को ऑडिशन के लिए बुला लिया।
🎭 जब ऑडिशन में नहीं जमीं बाकी टीम को
स्मृति ईरानी जब ऑडिशन देने पहुंचीं तो वो बेहद सादगी में थीं – ना कोई भारी मेकअप, ना स्टार वाली बॉडी लैंग्वेज। लेकिन जब उन्होंने अपना सीन परफॉर्म किया, तो एकता को उनकी आंखों की मासूमियत और गहराई ने छू लिया।
एकता ने बताया, “ऑडिशन खत्म हुआ और सभी ने कहा – ‘कुछ खास नहीं है।’ लेकिन मैं जानती थी कि वो ‘तुलसी’ है। मैंने कहा, ‘मैं इसे ही लूंगी।’”
🌟 एकता का रिस्क बना इतिहास
उसी पल एकता ने जो निर्णय लिया, वो भारतीय टीवी इतिहास के सबसे बेहतरीन फैसलों में गिना जाने लगा। स्मृति ईरानी ‘तुलसी’ बनकर सिर्फ एक किरदार नहीं रहीं, वो एक भावनात्मक जुड़ाव बन गईं।
लाखों महिलाओं ने खुद को तुलसी में देखा – बहू, पत्नी, मां और एक मजबूत स्त्री के रूप में।
टीवी से संसद तक: स्मृति की प्रेरणादायक यात्रा
आज स्मृति ईरानी सिर्फ एक टीवी एक्ट्रेस नहीं, बल्कि देश की केंद्रीय मंत्री हैं। उनका यह सफर एकता कपूर के एक फैसले से शुरू हुआ था।
इस बातचीत ने यह साबित कर दिया कि सही नजर और विश्वास से कैसे किसी की जिंदगी और करियर बदल सकता है।