
कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा हाल ही में लगाए गए ‘वोट चोरी’ के आरोपों पर चुनाव आयोग ने कड़ा रुख अपनाते हुए अपने अधीनस्थ अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं। आयोग ने कहा है कि ऐसे भ्रामक और तथ्यहीन बयानों को नजरअंदाज किया जाए और संवैधानिक जिम्मेदारियों का पालन पूरी निष्ठा से किया जाए।
क्या कहा राहुल गांधी ने?
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया और जनसभाओं के माध्यम से दावा किया था कि चुनावों में बड़े पैमाने पर ‘वोट चोरी’ हो रही है और निष्पक्ष चुनाव प्रणाली को खतरा है। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की पारदर्शिता पर भी सवाल उठाए थे।
आयोग ने क्या जवाब दिया?
चुनाव आयोग ने इस बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि वह संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है। आयोग ने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों और मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस प्रकार के राजनीतिक बयानों से प्रभावित हुए बिना कानूनी प्रक्रिया और आदर्श आचार संहिता का पालन करें।
अधिकारियों को दिए गए निर्देश:
- ‘वोट चोरी’ या ईवीएम से संबंधित अफवाहों पर ध्यान न दें
- चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही बनाए रखें
- सोशल मीडिया पर फैल रही भ्रामक सूचनाओं का तथ्यों के आधार पर खंडन करें
- किसी भी राजनीतिक दबाव से बचकर निष्पक्ष कार्य करें
राजनीति गरमाई, आयोग संतुलित
राहुल गांधी के बयान के बाद राजनीतिक माहौल गर्म है, लेकिन चुनाव आयोग ने अपने जवाब में किसी भी राजनीतिक दल का नाम लिए बिना संस्थागत गरिमा बनाए रखी है। आयोग का फोकस देशभर में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराना है।