
उत्तराखंड के पर्वतीय जिले चमोली में शनिवार को एक बड़ा हादसा हुआ जब ज्योतिर्मठ के पास हेलंग क्षेत्र में निर्माणाधीन विष्णुगाड़ पीपलकोटी जल विद्युत परियोजना (THDC’s Tapovan-Vishnugad Hydropower Project) के डेम साइट पर अचानक भूस्खलन हो गया। यह हादसा उस वक्त हुआ जब साइट पर परियोजना का निर्माण कार्य चल रहा था। मलबे की चपेट में आने से आठ मज़दूर घायल हो गए।
भूस्खलन की सूचना मिलते ही तहसील प्रशासन, पुलिस, एसडीआरएफ और स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर तुरंत पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। सभी घायलों को तेजी से सुरक्षित निकालकर प्राथमिक उपचार हेतु अस्पताल पहुंचाया गया।
जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि इस हादसे में कोई जानमाल की हानि नहीं हुई, लेकिन आठ लोगों के घायल होने की पुष्टि की गई है। उन्होंने बताया कि चार घायलों का इलाज टीएचडीसी के अपने चिकित्सालय में चल रहा है, जबकि दो गंभीर रूप से घायल मजदूरों को पीपलकोटी के स्वामी विवेकानंद अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इसके अलावा, एक व्यक्ति को पीपलकोटी में प्लास्टर की आवश्यकता पड़ी, जिसका उपचार वहीं किया गया। सबसे गंभीर रूप से घायल एक मजदूर को श्रीनगर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है, जहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम उसका इलाज कर रही है।
घटना के बाद पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल है और एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं कि हिमालयी क्षेत्रों में इस तरह के भारी निर्माण कार्य और जल विद्युत परियोजनाएं स्थानीय भूगर्भीय संरचना को कितनी हानि पहुंचा रही हैं। पर्यावरणविदों और स्थानीय नागरिकों का कहना है कि प्रशासन को परियोजनाओं से पहले वैज्ञानिक आकलन और सुरक्षा उपायों को और गंभीरता से लेना चाहिए।
स्थानीय प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है और घटनास्थल पर सुरक्षा के अतिरिक्त उपाय किए जा रहे हैं ताकि आगे कोई और दुर्घटना न हो। टीएचडीसी की परियोजना पहले भी पर्यावरणीय चिंताओं के चलते सुर्खियों में रही है, और अब यह हादसा उन आशंकाओं को फिर से उजागर कर रहा है।