
कर्नाटक की एक विशेष अदालत ने जनता दल (सेक्युलर) के नेता और पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को दुष्कर्म के एक गंभीर मामले में दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। इस ऐतिहासिक फैसले की घोषणा विशेष अदालत के न्यायाधीश संतोष गजानन भट्ट द्वारा की गई। कोर्ट का यह फैसला न सिर्फ न्याय व्यवस्था की सख्ती को दर्शाता है, बल्कि राजनीतिक संरक्षण प्राप्त लोगों के खिलाफ भी न्याय की निष्पक्षता को सामने लाता है।
पीड़िता का बयान बना न्याय की बुनियाद
48 वर्षीय महिला, जो हासन जिले स्थित रेवन्ना के परिवार के ‘गन्निकाडा फार्महाउस’ में घरेलू सहायिका के रूप में काम करती थी, इस मामले की मुख्य पीड़िता रही। पीड़िता ने अदालत में जो बयान दिए, वे अभियोजन पक्ष के लिए बेहद महत्वपूर्ण और निर्णायक साबित हुए। विशेष सरकारी वकील अशोक नायक के अनुसार अभियोजन ने कुल 26 गवाहों से पूछताछ की और 180 से अधिक दस्तावेज सबूत के तौर पर पेश किए। वहीं, विशेष जांच दल (SIT) द्वारा दायर की गई चार्जशीट में 113 गवाहों के बयान दर्ज थे और पूरी चार्जशीट 1,632 पन्नों की थी।
आरोपों की गंभीरता: वीडियो बनाकर दी धमकी
रेवन्ना, जो पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा का पोता है, को 2021 में दो बार – एक बार हासन फार्महाउस में और दूसरी बार बंगलूरू स्थित अपने घर पर – पीड़िता के साथ दुष्कर्म करने का दोषी पाया गया। चौंकाने वाली बात यह थी कि उसने इस जघन्य कृत्य को अपने मोबाइल फोन में रिकॉर्ड भी किया था और बाद में पीड़िता को धमकाया कि अगर उसने किसी को बताया तो वह अश्लील वीडियो सार्वजनिक कर देगा।
राजनीतिक और सामाजिक साख को लगा बड़ा झटका
रेवन्ना को कर्नाटक की राजनीति में एक उभरते हुए युवा नेता के रूप में देखा जा रहा था, लेकिन इस मामले ने उनकी छवि और राजनीतिक करियर दोनों को तहस-नहस कर दिया। आरोप सामने आने के बाद जनता दल (सेक्युलर) ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया था। उल्लेखनीय है कि 2024 के लोकसभा चुनावों में रेवन्ना हासन सीट से चुनाव हार गए थे।
कैसे हुआ खुलासा?
यह मामला उस समय तूल पकड़ने लगा, जब 26 अप्रैल 2024 को हासन में लोकसभा चुनाव से पहले कुछ पेन ड्राइव्स के जरिए रेवन्ना से जुड़े कथित अश्लील वीडियो प्रसारित किए गए। इसके बाद इस पूरे प्रकरण ने मीडिया, प्रशासन और राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी।
गिरफ्तारी और अदालती कार्यवाही
रेवन्ना को 31 मई 2024 को जर्मनी से बंगलूरू एयरपोर्ट लौटने पर विशेष जांच दल ने गिरफ्तार कर लिया था। यह गिरफ्तारी होलेनरसीपुरा टाउन पुलिस स्टेशन में दर्ज एक मामले के तहत की गई थी। इसके बाद मामले में तेजी से कार्यवाही हुई और अदालत ने दोष सिद्ध होने के एक दिन बाद ही उन्हें उम्र कैद की सजा सुना दी।