
आज का दिन दुनियाभर में उन महिलाओं को समर्पित है जो अपने दम पर अकेले जिंदगी की जंग लड़ रही हैं और पेशेवर दुनिया में सफलता की मिसाल बन रही हैं। 4 अगस्त को ‘सिंगल वर्किंग वुमेन डे’ मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य उन महिलाओं के संघर्ष, मेहनत, आत्मबल और समर्पण को सलाम करना है, जो न केवल अपने परिवार की जिम्मेदारी उठाती हैं, बल्कि प्रोफेशनल वर्ल्ड में भी अपनी अलग पहचान बनाती हैं।
बॉलीवुड ने भी समय-समय पर ऐसे किरदारों और कहानियों को पर्दे पर उतारा है जो समाज को एक नया दृष्टिकोण देते हैं और कामकाजी महिलाओं की सशक्त छवि प्रस्तुत करते हैं। आइए जानते हैं उन कुछ फिल्मों के बारे में, जिन्होंने इन जुझारू महिलाओं की कहानियों को दिल से दर्शाया—

🎙️ तुम्हारी सुलु (2017)
निर्देशक: सुरेश त्रिवेणी | मुख्य कलाकार: विद्या बालन
यह फिल्म एक महत्वाकांक्षी गृहिणी सुलोचना (सुलु) की कहानी है, जो अपनी घरेलू जिम्मेदारियों के साथ एक रेडियो जॉकी के रूप में खुद को खोजती है। रात को प्रसारित होने वाले रिलेशनशिप सलाह शो की मेज़बानी करने वाली यह महिला दर्शकों से जुड़ती है और अपने भीतर की पहचान को पहचानती है। यह फिल्म इस बात का बेहतरीन उदाहरण है कि कामकाजी महिलाओं की पहचान सिर्फ दफ्तर तक सीमित नहीं, बल्कि वे हर रूप में प्रेरणा देती हैं।

🕵️♀️ नाम शबाना (2017)
निर्देशक: शिवम नायर | मुख्य कलाकार: तापसी पन्नू
एक अंडरकवर एजेंट की भूमिका में तापसी पन्नू का किरदार ‘शबाना’ ना सिर्फ व्यक्तिगत संघर्ष से उबरता है, बल्कि राष्ट्र की सुरक्षा के लिए अपनी जान तक जोखिम में डाल देता है। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे एक साधारण लड़की आत्मरक्षा सीखकर प्रोफेशनल एजेंट बन जाती है और देश के दुश्मनों को करारा जवाब देती है। यह फिल्म महिलाओं के आत्मविश्वास, हिम्मत और प्रोफेशनल कमिटमेंट को बखूबी दर्शाती है।

👮♀️ मर्दानी (2014)
निर्देशक: प्रदीप सरकार | मुख्य कलाकार: रानी मुखर्जी
फिल्म ‘मर्दानी’ में रानी मुखर्जी ने शिवानी शिवाजी रॉय नाम की एक पुलिस अधिकारी का किरदार निभाया है जो मानव तस्करी जैसे संगीन अपराधों के खिलाफ जंग छेड़ देती है। एक अपहृत किशोरी की तलाश करते हुए वह एक पूरे गैंग का पर्दाफाश करती हैं। 16 करोड़ की लागत में बनी यह फिल्म 57 करोड़ की कमाई कर गई थी और यह साबित कर गई कि महिला पात्र भी थ्रिलर और एक्शन फिल्मों को सुपरहिट बना सकते हैं।

👩💻 कहानी (2012)
निर्देशक: सुजॉय घोष | मुख्य कलाकार: विद्या बालन
‘कहानी’ में विद्या बालन ने विद्या बागची नाम की एक गर्भवती महिला का किरदार निभाया है जो अपने पति की मौत की गुत्थी सुलझाने के लिए कोलकाता आती है। फिल्म में दर्शाया गया है कि कैसे वह खुद ही सच्चाई का पीछा करती है और आखिरकार अपने पति के कातिलों तक पहुंचती है। यह फिल्म सिर्फ बदले की कहानी नहीं, बल्कि एक महिला की मानसिक ताकत और बुद्धिमत्ता की भी मिसाल है। 8 करोड़ की लागत में बनी इस फिल्म ने 1.04 अरब रुपये की कमाई कर एक नया इतिहास रचा।
इन फिल्मों ने न केवल दर्शकों का दिल जीता, बल्कि समाज में यह संदेश भी दिया कि कामकाजी महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। चाहे वे ऑफिस की कुर्सी पर बैठी हों या फील्ड में अपराध से लड़ रही हों, वे हर मोर्चे पर अपनी ताकत और आत्मबल से आगे बढ़ रही हैं।
📌 इस ‘सिंगल वर्किंग वुमेन डे’ पर इन फिल्मों को देखकर करें उन नायिकाओं को सलाम, जो पर्दे से बाहर भी हमारे समाज की असली हीरो हैं।