
देहरादून की एक अदालत ने नशीले पदार्थों की तस्करी के मामले में एक विदेशी नागरिक को दोषी करार देते हुए कड़ी सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट मदन राम की अदालत ने आरोपी पास्कल जान, निवासी इलाला सीबीडी पीसीओ, दार एस सलाम, तंजानिया को दोषी पाते हुए एक वर्ष के कठोर कारावास और ₹50,000 के आर्थिक जुर्माने की सजा सुनाई है। यदि वह यह जुर्माना अदा नहीं करता है तो उसे अतिरिक्त 15 दिन की सजा भुगतनी होगी। साथ ही अदालत ने यह भी आदेश दिया कि सजा पूरी करने के पश्चात आरोपी को तत्काल उसके देश डिपोर्ट किया जाए।
यह कार्रवाई 13 अगस्त की रात को स्वतंत्रता दिवस की सुरक्षा के मद्देनजर राजपुर थाना पुलिस द्वारा की गई थी। पुलिस होटल, रेस्टोरेंट, बार, वाहनों और संदिग्ध व्यक्तियों की जांच कर रही थी। इसी दौरान पुलिस को एक महत्वपूर्ण सूचना मिली कि एक बड़ी पार्टी में कोबरा गैंग का मुख्य सरगना कोकीन सप्लाई करने के इरादे से दिल्ली से देहरादून पहुंचा है।
पुलिस टीम ने धोरण पुल, कैनाल रोड के पास चेकिंग अभियान चलाया और मौके से तंजानिया निवासी पास्कल जान को 44.50 ग्राम कोकीन के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार किया। पूछताछ के दौरान आरोपी ने खुलासा किया कि वह कोबरा गैंग का सक्रिय सदस्य है और तंजानिया से भारत आना-जाना करता रहता है। वह दिल्ली से कोकीन लाता है और देश के विभिन्न हिस्सों में मौजूद अपने एजेंटों और ड्रग तस्करों को डिमांड के अनुसार सप्लाई करता है।
पास्कल ने पुलिस को बताया कि वह देश के अलग-अलग राज्यों में बड़ी पार्टियों, कॉलेजों, स्कूलों और हाई-प्रोफाइल आयोजनों में कोकीन सप्लाई कर चुका है। इसके एवज में उसे भारी कमीशन मिलता है। उसने यह भी स्वीकार किया कि स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देहरादून में एक हाई-प्रोफाइल पार्टी होनी थी, जहां उसे कोकीन सप्लाई करनी थी, जिसके लिए वह कुछ दिन पहले ही देहरादून आया था।
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए अदालत ने आरोपी को दोषी मानते हुए सख्त सजा सुनाई। यह फैसला उत्तराखंड में नशे के खिलाफ चल रही मुहिम के तहत एक बड़ा संदेश है कि राज्य में नशे के सौदागरों के लिए कोई जगह नहीं है, चाहे वे देशी हों या विदेशी। पुलिस की तत्परता और खुफिया जानकारी के चलते एक बड़ा ड्रग रैकेट टूटने से पहले ही उजागर हो गया।