
उत्तराखंड के उत्तरकाशी ज़िले में मंगलवार रात को बादल फटने और अचानक आई बाढ़ ने तबाही मचा दी। सबसे ज्यादा प्रभावित धराली और इसके आसपास के गांव रहे, जहां कई लोग लापता हैं और कुछ की जान भी जा चुकी है। ऐसे संकट के समय में राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों सक्रिय हो गई हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने धराली में हेलिकॉप्टर से उतरकर स्थानीय लोगों से मुलाकात की, उन्हें ढांढस बंधाया और सरकारी राहत कार्यों का जायज़ा लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार हर प्रभावित व्यक्ति तक सहायता पहुँचाने का प्रयास कर रही है।
सीएम धामी ने बताया कि उत्तरकाशी में आपदा राहत अभियान में दस डीएसपी, तीन एसपी और लगभग 160 पुलिस अधिकारी सक्रिय रूप से लगे हुए हैं। इसके अलावा आईटीबीपी, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और भारतीय सेना के जवान भी राहत और बचाव कार्यों में जुटे हैं। उन्होंने बताया कि सेना के हेलिकॉप्टर भी पूरी तरह से तैयार हैं और मौसम में जैसे ही सुधार होगा, उनका इस्तेमाल तेजी से बचाव कार्यों के लिए किया जाएगा।
धराली में बिजली और संचार सुविधाएं बुरी तरह बाधित हैं। मोबाइल नेटवर्क नहीं होने के कारण संपर्क स्थापित करने में परेशानी हो रही है, लेकिन प्रशासन ज़मीनी स्तर पर लगातार लोगों तक पहुँचने की कोशिश कर रहा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि खाने के पैकेट्स और मेडिकल टीम भी तैयार कर ली गई हैं, जिन्हें प्रभावित क्षेत्रों में जल्द से जल्द पहुँचाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि मंगलवार को करीब 130 लोगों को सुरक्षित बचाया गया, और तलाशी एवं बचाव अभियान अब भी ज़ोर-शोर से जारी है। उन्होंने कहा कि इलाके में सड़कें और एक प्रमुख पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिससे घटनास्थल तक पहुँचने में बाधाएं आ रही हैं, लेकिन इसके बावजूद सभी एजेंसियां मिलकर दिन-रात राहत कार्य में जुटी हैं।
देहरादून में राज्य आपदा संचालन केंद्र 24×7 काम कर रहा है ताकि किसी भी जरूरतमंद तक त्वरित सहायता पहुंचाई जा सके। मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष रूप से धन्यवाद दिया और बताया कि पीएम मोदी स्वयं इस घटना को लेकर गंभीर हैं और लगातार अपडेट ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने आज भी फोन पर पूरी स्थिति की जानकारी ली और हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है।
यह भी उल्लेखनीय है कि आपदा राहत सामग्री और खाद्य सामग्री लेकर एक हेलिकॉप्टर भी प्रभावित इलाकों में पहुँच चुका है। प्रशासन ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर राहत कार्य को तेज कर दिया है ताकि अधिक से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुँचाया जा सके।
उत्तराखंड सरकार और केंद्र सरकार की सक्रियता और संवेदनशीलता के कारण राहत कार्यों में तेजी आई है, लेकिन इलाके में भारी तबाही के निशान हैं और पुनर्निर्माण में समय लगेगा। फिलहाल प्राथमिकता जान-माल की सुरक्षा और पीड़ितों तक सहायता पहुँचाने की है।