
उत्तराखंड में इस मानसून सीजन में पहली बार मूसलधार बारिश ने कोहराम मचा दिया है। राज्य के पहाड़ी इलाकों में हो रही लगातार भारी वर्षा के चलते गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है। ऋषिकेश में गंगा ने खतरे के निशान को पार करते हुए 340.75 मीटर तक का स्तर छू लिया है, जबकि खतरे का निशान 340.50 मीटर पर है। गंगा का पानी अब प्रसिद्ध शिवमूर्ति तक पहुंच चुका है, जिससे क्षेत्र में दहशत का माहौल है।
इस भयावह स्थिति में न्यू चंद्रेश्वर नगर क्षेत्र की 45 वर्षीय महिला कृष्णा थापा की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि रातभर हुई तेज बारिश के कारण कृष्णा थापा के घर में बरसाती पानी भर गया था। परिवार के अन्य सदस्य जरूरी सामान को पड़ोस के एक दो-मंजिला मकान में शिफ्ट कर रहे थे। इसी दौरान एक घंटे बाद उन्होंने कृष्णा को घर के एक कमरे में पानी में अचेत अवस्था में गिरा पाया। आनन-फानन में उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
इस दुखद घटना की जानकारी मिलते ही ऋषिकेश के महापौर शंभू पासवान और एसडीएम योगेश मेहरा अस्पताल पहुंचे। प्रशासन की ओर से मामले की विस्तृत जानकारी जुटाई जा रही है और राहत एवं बचाव कार्यों को गति दी जा रही है।
एसडीआरएफ अलर्ट मोड पर:
गंगा और अन्य नदियों के जलस्तर में तेज़ी से बढ़ोतरी को देखते हुए एसडीआरएफ की टीम पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है। इंस्पेक्टर कविंद्र सजवाण के नेतृत्व में SDRF ने त्रिवेणी घाट, जानकी पुल सहित विभिन्न घाटों का निरीक्षण किया और संवेदनशील इलाकों में लाउडस्पीकरों के जरिए चेतावनी दी गई। SDRF ने सभी लोगों से अपील की है कि वे नदियों के किनारे न जाएं और सुरक्षित स्थानों पर रहें।
पुलिस भी सतर्क:
मुनिकीरेती पुलिस भी स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है। थानाध्यक्ष प्रदीप चौहान के अनुसार, खरास्रोत, चंद्रभागा नदी, और अन्य संवेदनशील इलाकों में पुलिस मोबाइल व लाउडहेलर के माध्यम से लोगों को अलर्ट कर रही है। नदी के किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है।
प्रदेश में बारिश का सिलसिला जारी है और इस वजह से भूस्खलन, जलभराव और बाढ़ जैसे खतरे बढ़ते जा रहे हैं। प्रशासन ने लोगों से सावधानी बरतने और आपातकालीन परिस्थितियों में तुरंत पुलिस व प्रशासन से संपर्क करने की अपील की है।