
टीवी इंडस्ट्री में एक बार फिर इतिहास रचा गया है। 25 साल बाद छोटे पर्दे पर वापसी करने वालीं स्मृति ईरानी ने यह साबित कर दिया कि वह दर्शकों के दिलों की ‘फेवरेट बहू’ आज भी हैं। एकता कपूर द्वारा निर्मित ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी 2’ ने आते ही दर्शकों को इतना बांध लिया कि पहले ही सप्ताह में यह शो टीआरपी चार्ट्स में टॉप पर पहुंच गया है।
यह सिर्फ वापसी नहीं, बल्कि एक शानदार और तूफानी एंट्री रही है। लंबे समय से TRP की रानी बनी ‘अनुपमा’ को इस शो ने पहले ही हफ्ते में पछाड़ दिया है। राजन शाही के इस पॉपुलर शो को पछाड़ना आसान नहीं था, लेकिन एकता कपूर की रणनीति, स्मृति ईरानी की कड़ी मेहनत और दर्शकों की भावनात्मक जुड़ाव ने इसे संभव बना दिया।
‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ का पहला सीज़न भी भारतीय टेलीविजन के इतिहास का एक मील का पत्थर माना जाता है, और अब इसका दूसरा सीज़न भी उसी राह पर चलते हुए दर्शकों को एक बार फिर पारिवारिक रिश्तों, सास-बहू की जटिलताओं और भावनात्मक द्वंद्व की गहराइयों में ले जा रहा है। नए अवतार में कहानी को मॉडर्न ट्विस्ट के साथ पेश किया गया है, जो युवा दर्शकों को भी आकर्षित कर रही है।
📉 किसे पछाड़ा?
‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी 2’ ने सिर्फ ‘अनुपमा’ को ही नहीं, बल्कि गुम है किसी के प्यार में, ये रिश्ता क्या कहलाता है, तीतली, और पंड्या स्टोर जैसे शोज़ को भी पीछे छोड़ते हुए TRP रेस में सीधा टॉप पोज़िशन हासिल कर लिया है।
💥 क्या है इसकी सफलता का राज?
- स्मृति ईरानी की वापसी: वह सिर्फ नेता नहीं, बल्कि अब भी दर्शकों की प्रिय ‘तुलसी’ हैं।
- नॉस्टेल्जिया फैक्टर: पहले सीज़न से जुड़ी भावनाएं आज भी दर्शकों के मन में जीवित हैं।
- बेहतर स्क्रीनप्ले और ड्रामा: नई कहानी, नई पीढ़ी लेकिन वही इमोशनल कनेक्ट।
- एकता कपूर का अनुभव: पारिवारिक ड्रामा बनाने में उनका कोई सानी नहीं है।
🧠 आने वाले समय में क्या?
शो की शुरुआत इतनी धमाकेदार रही है कि यह लंबे समय तक टीआरपी चार्ट्स पर टॉप पोज़िशन पर बना रह सकता है। साथ ही दर्शकों की उम्मीदें अब और बढ़ गई हैं, जिसे मेकर्स को बनाए रखना होगा।