
कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी द्वारा चुनाव में धांधली के आरोप लगाए जाने के बाद राजनीतिक माहौल एक बार फिर गरमा गया है। इन आरोपों पर भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए पलटवार किया है और राहुल गांधी के बयानों को पूरी तरह बेबुनियाद, भ्रामक और तथ्यों से परे करार दिया है। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि राहुल गांधी जिस डाल पर बैठे थे, उसी को काट दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने चुनाव आयोग जैसे संवैधानिक संस्थान पर अविश्वास जताने और उसकी छवि धूमिल करने की कोशिश की है, जो विपक्ष के नेता के पद की गरिमा के खिलाफ है।
भूपेंद्र यादव ने कहा कि अगर राहुल गांधी को चुनाव प्रक्रिया में वास्तव में कोई आपत्ति है, तो उन्हें मीडिया में आकर बड़े-बड़े दावे करने के बजाय चुनाव आयोग के समक्ष शपथपत्र देकर औपचारिक शिकायत दर्ज करनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि मीडिया में बार-बार ऐसे बयान देना न केवल जनता को गुमराह करने का काम है, बल्कि इससे लोकतांत्रिक संस्थानों की विश्वसनीयता पर भी चोट पहुंचती है।
आरोपों के आंकड़ों पर भाजपा का जवाब
यादव ने राहुल गांधी के उस दावे को भी खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में एक करोड़ नए वोटर जोड़े गए। यादव के अनुसार, चुनाव आयोग के आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि यह संख्या मात्र 40 लाख से कुछ अधिक है। उन्होंने तर्क दिया कि राहुल गांधी के आरोपों की नींव ही गलत है, और जब बुनियाद ही झूठी हो तो पूरी कहानी खुद-ब-खुद ढह जाती है।
भूपेंद्र यादव ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र की कई सीटों जैसे मढ़ा, मोहोल, नागपुर वेस्ट और नागपुर नॉर्थ में वोटरों की संख्या में वृद्धि हुई है, लेकिन वहां कांग्रेस या उसकी सहयोगी पार्टियों ने जीत दर्ज की। ऐसे में, यदि वोटर लिस्ट में बदलाव को धांधली माना जाए, तो यह आरोप खुद कांग्रेस के दावों को ही कमजोर कर देता है।
‘परमाणु बम’ वाले बयान पर तंज
राहुल गांधी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि वे जो सबूत पेश करेंगे, वह ‘परमाणु बम’ के समान होगा। इस पर भूपेंद्र यादव ने कटाक्ष करते हुए कहा, “यह तो वही बात हो गई जैसे कोई आदमी जिस डाल पर बैठा हो, उसी को काट दे।” यादव ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी का मकसद सिर्फ एक परिवार की राजनीतिक साख बचाने के लिए संवैधानिक संस्थाओं पर हमले करना है—चाहे वह चुनाव आयोग हो, संसद हो या फिर सेना।
पुराना रिकॉर्ड भी उठाया
भूपेंद्र यादव ने याद दिलाया कि राहुल गांधी का संवैधानिक संस्थाओं पर गलत आरोप लगाने का इतिहास रहा है। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट में माफी मांगनी पड़ी थी, जब उन्होंने सेना के बारे में गलत बयान दिया था। यादव के अनुसार, ऐसे बयान न केवल देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए हानिकारक हैं, बल्कि विपक्ष के नेता के रूप में यह आचरण अस्वीकार्य है।
अंत में यादव ने जोर देकर कहा कि जो भी लोग संविधान और लोकतंत्र का सम्मान करते हैं, उन्हें संवैधानिक संस्थानों के खिलाफ धमकी भरी भाषा या झूठे आरोपों का सहारा नहीं लेना चाहिए, क्योंकि इससे लोकतांत्रिक व्यवस्था की नींव कमजोर होती है और जनता का भरोसा डगमगाता है।