देहरादून: भराड़ीसैंण विधानसभा में इतिहास रचने की तैयारी, पहली बार होगा पेपरलेस सत्र

गैरसैंण के भराड़ीसैंण विधानसभा में पहली बार पेपरलेस सत्र, ई-नेवा एप्लीकेशन से दिखेगा डिजिटल बदलाव

देहरादून/गैरसैंण। उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण स्थित भराड़ीसैंण विधानसभा इस बार इतिहास रचने जा रही है। आगामी मानसून सत्र, जो 19 से 22 अगस्त तक आयोजित होगा, पहली बार पूरी तरह पेपरलेस होगा। इसके लिए विधानसभा सचिवालय ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। राष्ट्रीय ई-विधानसभा एप्लीकेशन (ई-नेवा) के तहत किए गए डिजिटाइजेशन कार्य के कारण सभामंडप में इस बार कई नई व्यवस्थाएं देखने को मिलेंगी।

देहरादून से भराड़ीसैंण तक डिजिटल यात्रा

उत्तराखंड में ई-नेवा एप्लीकेशन की शुरुआत फरवरी 2025 में देहरादून स्थित विधानसभा भवन में बजट सत्र के दौरान हुई थी। चूंकि उस समय भराड़ीसैंण विधानसभा में डिजिटाइजेशन कार्य जारी था, इसलिए बजट सत्र राजधानी देहरादून में आयोजित किया गया था। अब सभी कार्य पूरे हो चुके हैं और मानसून सत्र का आयोजन भराड़ीसैंण में किया जा रहा है।

विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण रविवार को सचिवालय के अधिकारियों संग भराड़ीसैंण पहुंचीं और विधानसभा परिसर का निरीक्षण किया। उन्होंने सभामंडप में डिजिटाइजेशन कार्य, साउंड सिस्टम और संचार सेवाओं की समीक्षा की। अध्यक्ष ने भरोसा जताया कि इस बार का मानसून सत्र ऐतिहासिक और पूरी तरह डिजिटल होगा।

बारिश और भूस्खलन की चुनौती के बावजूद सत्र भराड़ीसैंण में

भारी बारिश और भूस्खलन जैसी चुनौतियों के बीच भी प्रदेश सरकार ने यह सत्र भराड़ीसैंण में कराने का निर्णय लिया। इसके लिए शासन के उच्च अधिकारी और कर्मचारी पहले ही गैरसैंण पहुंचना शुरू हो गए हैं।

कागज का कम होगा उपयोग

ई-नेवा एप्लीकेशन के माध्यम से सभी विधायी कार्य डिजिटल माध्यम से होंगे। इस पहल से न केवल कागज का उपयोग घटेगा बल्कि कार्यवाही अधिक पारदर्शी और तकनीकी रूप से मजबूत होगी। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने कहा,
“भराड़ीसैंण विधानसभा में मानसून सत्र को पेपरलेस कराने के लिए सभी तैयारियां पूरी हैं। देहरादून के बाद अब भराड़ीसैंण विधानसभा को पूरी तरह डिजिटाइज किया गया है।”

साउंड सिस्टम को बनाया गया अत्याधुनिक

ई-नेवा परियोजना के तहत सदन के पुनर्निर्माण कार्य में साउंड सिस्टम को भी आधुनिक बनाया गया है। इस काम में आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिकों का सहयोग लिया गया है। माना जा रहा है कि अब सदन की कार्यवाही के दौरान ध्वनि से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या सामने नहीं आएगी।

विधायकों से मिले 550 से अधिक प्रश्न

आगामी मानसून सत्र को लेकर पक्ष और विपक्ष दोनों दलों के विधायकों ने गंभीर मुद्दे उठाए हैं। सचिवालय के अनुसार सत्र के लिए अब तक 550 से अधिक प्रश्न प्राप्त हुए हैं। इनमें आपदाओं से निपटने के साथ ही विकासात्मक कार्यों, जनता की समस्याओं और नीतिगत सवाल शामिल हैं। सरकार को इन प्रश्नों का सदन में जवाब देना होगा।

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