
उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन को गहराई से प्रभावित कर दिया है। मौसम विज्ञान विभाग के हाइड्रोमेट डिवीजन ने रविवार को चेतावनी जारी करते हुए कहा कि आगामी 24 घंटे में बागेश्वर, चमोली, चंपावत, देहरादून, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, टिहरी और उत्तरकाशी जिलों में मूसलाधार बारिश के चलते जलभराव और बाढ़ की स्थिति पैदा हो सकती है। विभाग ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।
इस पूर्वानुमान के बाद राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने सभी प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर आवश्यक सावधानियां बरतने और संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
6 राष्ट्रीय राजमार्ग और 187 सड़कें बंद
बारिश के चलते राज्यभर में सड़कों पर जगह-जगह मलबा आने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। छह राष्ट्रीय राजमार्ग और 187 सड़कें फिलहाल बंद पड़ी हुई हैं, जिनमें से 104 सड़कें ग्रामीण क्षेत्रों की हैं।
सबसे ज्यादा असर पिथौरागढ़ जिले में देखा गया है, जहां धारचुला-तवाघाट राष्ट्रीय राजमार्ग पर पहाड़ी से बड़े पत्थर गिरने के कारण वाहनों की आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई है। इसके अलावा घटियाबगढ़-लिपूलेख राष्ट्रीय राजमार्ग भी मलबे की वजह से अवरुद्ध है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार,
- चमोली जिले में एक राष्ट्रीय और दो राज्य मार्ग बंद हैं।
- पौड़ी जिले में एक राष्ट्रीय और एक राज्य मार्ग अवरुद्ध है।
- उत्तरकाशी जिले में दो राष्ट्रीय राजमार्ग बंद पड़े हैं।
- टिहरी जिले में दो राज्य मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं।
इसके अलावा, कई ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों पर भी आवागमन बाधित हो गया है।
जिलावार सड़कें बंद होने की स्थिति
भारी बारिश और मलबा आने के चलते जिलावार सड़कें बंद होने का ब्यौरा इस प्रकार है:
- अल्मोड़ा – 5 सड़कें
- बागेश्वर – 15 सड़कें
- चमोली – 21 सड़कें
- देहरादून – 8 सड़कें
- नैनीताल – 5 सड़कें
- पौड़ी – 31 सड़कें
- पिथौरागढ़ – 28 सड़कें
- रुद्रप्रयाग – 23 सड़कें
- टिहरी – 13 सड़कें
- ऊधमसिंह नगर – 4 सड़कें
- उत्तरकाशी – 34 सड़कें
इस प्रकार राज्यभर में 187 सड़कें बंद हो गई हैं, जिससे स्थानीय लोगों की आवाजाही के साथ-साथ आपूर्ति व्यवस्था पर भी गहरा असर पड़ा है।
प्रशासन अलर्ट पर
प्रशासन ने कहा है कि सभी प्रभावित क्षेत्रों में भारी मशीनरी और जेसीबी तैनात की गई हैं ताकि मलबा हटाकर सड़कों को जल्द से जल्द खोलने का काम किया जा सके। साथ ही जिलाधिकारियों को संवेदनशील इलाकों में टीमों को सक्रिय रखने के निर्देश दिए गए हैं।
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले 24 घंटे बेहद अहम हैं और नागरिकों को नदी-नालों के पास जाने से बचने की सलाह दी है।