मनिका विश्वकर्मा बनीं मिस यूनिवर्स इंडिया 2025, सुष्मिता सेन को बताया अपना आइडल, शेयर की खास बातें

राजस्थान की सुंदरियों में से एक मनिका विश्वकर्मा ने मिस यूनिवर्स इंडिया 2025 का ताज अपने नाम किया। इस ऐतिहासिक जीत के बाद मनिका ने न केवल अपने उत्साह और खुशी का इज़हार किया, बल्कि अपने जीवन के उन लोगों के बारे में भी खुलकर बात की, जिन्हें वह अपना आदर्श और मार्गदर्शक मानती हैं। मनिका ने खासतौर पर पूर्व मिस यूनिवर्स और बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री सुष्मिता सेन और अपनी मां को अपने जीवन का सबसे बड़ा आदर्श बताया।

मिस यूनिवर्स का खिताब जीतने के बाद एएनआई से बातचीत में मनिका ने कहा, “मेरे जीवन में दो आदर्श हैं। पहली सुष्मिता सेन और दूसरी मेरी मां। मुझे लगता है कि इन दोनों महिलाओं की वजह से ही मैं आज इस मुकाम पर पहुंची हूं। सुष्मिता सेन न केवल अपने शब्दों में बल्कि अपने कर्मों में भी सच्ची हैं। मिस यूनिवर्स बनने से लेकर अपने जीवन के हर सफर तक, उन्होंने जो भी कहा, उसका हर एक शब्द उनके लिए मायने रखता था और उन्होंने इसे हमेशा साबित भी किया।”

मनिका ने अपनी मां के योगदान और शिक्षा के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा, “मेरी मां ने मुझे यह गुण सिखाया है कि केवल बातें करना ही काफी नहीं है, बल्कि उन पर अमल करना भी जरूरी है। एक व्यक्ति की ताकत केवल उसके शब्दों में नहीं, बल्कि उसके कर्मों में निहित होती है। मां के द्वारा दिए गए ये शिक्षाएं मेरे लिए हमेशा प्रेरणा रही हैं और मुझे सिखाती हैं कि हम अपनी मेहनत और दृढ़ता से हर चुनौती का सामना कर सकते हैं।”

अपने भविष्य को लेकर मनिका ने उम्मीदों और योजनाओं को साझा किया। उन्होंने कहा, “मुझे इस मुकाम के साथ आने वाली हर संभावना को तलाशना है। मैं सिर्फ एक दिशा में सीमित नहीं रहना चाहती। मैं लोगों को यह दिखाना चाहती हूं कि सौंदर्य प्रतियोगिताएं केवल सुंदरता तक ही सीमित नहीं हैं। ये हमारे जीवन में नई संभावनाओं, करियर और व्यक्तिगत विकास के दरवाजे भी खोल सकती हैं। मेरी कोशिश होगी कि मैं अपने देश का नाम न केवल सौंदर्य बल्कि प्रेरणा और सकारात्मक बदलाव के क्षेत्र में भी ऊँचा कर सकूं।”

मनिका विश्वकर्मा की यह जीत राजस्थान के लिए गर्व का पल है। उनका यह सफर न केवल उनके दृढ़ संकल्प, मेहनत और आत्मविश्वास का परिणाम है, बल्कि उन लाखों युवाओं के लिए भी प्रेरणा है जो अपने सपनों को साकार करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उनका मानना है कि किसी भी लक्ष्य को पाने के लिए केवल काबिलियत ही नहीं, बल्कि सच्चाई, मेहनत और सही मार्गदर्शन भी बेहद जरूरी है।

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