
यूक्रेन पर रूस ने इस साल का सबसे बड़ा और सबसे भीषण हवाई हमला किया है। यह हमला ऐसे समय हुआ है जब अमेरिका समेत पश्चिमी देश रूस-यूक्रेन युद्ध में संघर्षविराम लाने और शांति समझौते की दिशा में वार्ता करने की कोशिशों में जुटे हुए हैं। यूक्रेनी वायुसेना ने जानकारी दी कि रूसी सेना ने देश के पश्चिमी हिस्सों को मुख्य निशाना बनाते हुए ताबड़तोड़ हमले किए। इस दौरान रूस ने 574 ड्रोन और 40 मिसाइलें दागीं। यूक्रेनी दावे के अनुसार, हालांकि उनकी एयर डिफेंस ने कई ड्रोन और मिसाइलों को मार गिराया, लेकिन कुछ हमलों ने बड़े पैमाने पर तबाही मचाई।
नागरिक हताहत और नुकसान
यूक्रेनी वायुसेना के प्रवक्ता ने बताया कि इस हमले में अब तक कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गई है, जबकि 15 अन्य घायल हुए हैं। वहीं, यूक्रेन के विदेश मंत्री आंद्रेई सिबिहा ने कहा कि रूस ने इस दौरान पश्चिमी यूक्रेन में स्थित एक प्रमुख अमेरिकी इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माता संस्था को भी निशाना बनाया। उनका कहना है कि रूस का मकसद न केवल सैन्य ढांचों पर हमला करना है, बल्कि पश्चिमी देशों को भी अप्रत्यक्ष संदेश देना है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल
यह हमला ऐसे समय हुआ है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूरोपीय नेता संघर्ष को खत्म करने के लिए कूटनीतिक कोशिशें कर रहे हैं। बीते हफ्ते अलास्का में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई मुलाकात के बाद इस मुद्दे पर वार्ता तेज हुई थी। सोमवार को ट्रंप ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं के साथ एक अहम बैठक की।
ट्रंप ने इस दौरान स्पष्ट किया कि वे केवल संघर्षविराम तक सीमित नहीं रहना चाहते, बल्कि सीधे एक स्थायी शांति समझौते की ओर बढ़ने के पक्षधर हैं। हालांकि, इस बातचीत में यूरोपीय नेताओं और अमेरिका के बीच इस बात पर सहमति बनी कि यूक्रेन को भविष्य के खतरों से बचाने के लिए किसी न किसी तरह की सुरक्षा गारंटी देना आवश्यक होगा।
जेलेंस्की का बयान – 10 दिनों में मंथन
इस बैठक के बाद यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि अगले 10 दिनों में यूक्रेन की सुरक्षा गारंटियों को लेकर विस्तृत चर्चा की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि रूस के साथ आगे की वार्ता में यूरोपीय देशों के नेताओं और अमेरिकी प्रशासन की सक्रिय भागीदारी होगी। इस दिशा में ट्रंप प्रशासन ने यूक्रेन की सुरक्षा संबंधी मुद्दों की ज़िम्मेदारी अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो को सौंपी है।
लगातार हमलों से बढ़ा खतरा
विशेषज्ञों का कहना है कि रूस अब यूक्रेन पर लगातार शाहिद ड्रोन, क्रूज मिसाइलों और ग्लाइड बमों से हमला कर रहा है। इसका सबसे बड़ा असर यह हुआ है कि यूक्रेन की एयर डिफेंस प्रणाली पर बहुत ज्यादा दबाव बढ़ गया है। राजधानी कीव और अन्य इलाकों पर हाल के दिनों में ड्रोन हमले काफी तेज़ हो गए हैं।
खुद राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कुछ दिन पहले कहा था कि “यूक्रेन में अब कहीं भी पूरी तरह शांति नहीं है।” रूस की ओर से हमलों में बढ़ोतरी इस बात का संकेत है कि युद्ध अभी और लंबे समय तक खिंच सकता है, जबकि कूटनीतिक मोर्चे पर समाधान ढूंढने की कोशिशें भी जारी हैं।
निष्कर्ष
पश्चिमी देशों की पहल और वार्ताओं के बीच रूस का यह हमला एक बार फिर यह दिखाता है कि जंग अभी थमने वाली नहीं है। जहां एक ओर अमेरिका और यूरोप शांति समझौते की ओर बढ़ने के लिए जोर लगा रहे हैं, वहीं रूस की ओर से बढ़ते हमले इस संभावना को कमजोर कर रहे हैं। ऐसे में आने वाले कुछ हफ्ते यूक्रेन संकट के भविष्य को तय करने में बेहद अहम साबित हो सकते हैं।