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एविएशन सेक्टर में बड़ा झटका: एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस को हजारों करोड़ का नुकसान - The Indian Exposure

एविएशन सेक्टर में बड़ा झटका: एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस को हजारों करोड़ का नुकसान

नागरिक उड्डयन मंत्रालय के ताज़ा आंकड़ों ने भारतीय विमानन उद्योग की वित्तीय स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मंत्रालय द्वारा लोकसभा में साझा किए गए विवरण के अनुसार, एअर इंडिया और एअर इंडिया एक्सप्रेस को मार्च 2025 को समाप्त वित्त वर्ष में कर से पहले कुल मिलाकर ₹9,568.4 करोड़ का भारी घाटा हुआ है। ये आंकड़े नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने गुरुवार को सदन में लिखित उत्तर के रूप में पेश किए।

🔹 एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस पर घाटे का बोझ
आंकड़ों के अनुसार, टाटा समूह के स्वामित्व वाली एअर इंडिया को कर से पहले ₹3,890.2 करोड़ का घाटा दर्ज करना पड़ा। वहीं, उसकी लो-कॉस्ट शाखा एअर इंडिया एक्सप्रेस, जो लंबे समय से लाभ में थी, को भी ₹5,678.2 करोड़ का घाटा हुआ। यह नुकसान बेहद अहम है क्योंकि जनवरी 2022 में टाटा समूह ने घाटे में चल रही एयर इंडिया और मुनाफे में चल रही एयर इंडिया एक्सप्रेस दोनों का अधिग्रहण किया था।

🔹 अन्य एयरलाइनों की स्थिति
पिछले वित्त वर्ष में अन्य एयरलाइनों का प्रदर्शन भी मिश्रित रहा।

  • अकासा एयर को कर से पहले ₹1,983.4 करोड़ का घाटा हुआ।
  • स्पाइसजेट ने कर से पहले ₹58.1 करोड़ का घाटा दर्ज किया।
  • वहीं, देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो ने कर से पहले ₹7,587.5 करोड़ का शानदार मुनाफा कमाया।

🔹 कर्ज का बोझ भी बड़ा
वित्तीय घाटे के साथ-साथ एयरलाइनों पर भारी कर्ज का बोझ भी है।

  • एअर इंडिया का कुल कर्ज ₹26,879.6 करोड़ बताया गया।
  • इंडिगो का कर्ज इससे भी ज्यादा, ₹67,088.4 करोड़ रहा।
  • एअर इंडिया एक्सप्रेस पर ₹617.5 करोड़, अकासा एयर पर ₹78.5 करोड़ और स्पाइसजेट पर ₹886 करोड़ का कर्ज है।

🔹 सरकार का बयान
मंत्री मुरलीधर मोहोल ने अपने लिखित उत्तर में कहा कि मार्च 1994 में एअर कॉरपोरेशन अधिनियम के निरस्त होने के बाद से भारतीय घरेलू विमानन क्षेत्र पूरी तरह से नियंत्रण मुक्त हो गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वित्तीय और परिचालन संबंधी निर्णय, जैसे कि संसाधन जुटाना और ऋण पुनर्गठन, पूरी तरह से वाणिज्यिक विचारों के आधार पर संबंधित एयरलाइनों द्वारा स्वयं प्रबंधित किए जाते हैं।

इन आंकड़ों से साफ है कि भारत का एविएशन सेक्टर जहां एक ओर इंडिगो जैसी कंपनियों के लिए लाभकारी सिद्ध हो रहा है, वहीं दूसरी ओर एयर इंडिया और उसकी सहयोगी कंपनियां अब भी भारी वित्तीय संकट से जूझ रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि लागत नियंत्रण, रणनीतिक प्रबंधन और संचालन क्षमता में सुधार किए बिना इस घाटे को काबू में लाना बेहद मुश्किल होगा।

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