
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में साइबर अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए मुंबई पुलिस ने सख्त कदम उठाए हैं। मुंबई अपराध शाखा ने एक बड़े ऑपरेशन के तहत 12 लोगों को गिरफ्तार कर एक साइबर धोखाधड़ी गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इसमें एक दंपति भी शामिल है। गिरफ्तार आरोपियों पर कथित तौर पर देश के विभिन्न हिस्सों में लोगों से लगभग 60.82 करोड़ रुपये की ठगी करने का आरोप है।
गिरफ्तारी और छापेमारी
मुंबई पुलिस के पुलिस उपायुक्त (जांच) राज तिलक रोशन ने बताया कि यह कार्रवाई 12 अगस्त को कांदिवली पश्चिमी उपनगर स्थित एक कार्यालय पर छापेमारी के दौरान की गई। इस दौरान पुलिस ने सिम कार्ड और बैंक पासबुक भी जब्त किए। उन्होंने कहा कि गिरफ्तार आरोपियों में से पांच ने कथित तौर पर अपने बैंक खाते और सिम कार्ड बेच दिए थे, जिनका इस्तेमाल साइबर धोखाधड़ी में किया गया।
7–8 हजार में बिकते बैंक खाते और सिम कार्ड
पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह गिरोह प्रत्येक सिम कार्ड और बैंक खाते को केवल 7,000 से 8,000 रुपये में खरीदता था। इन खातों और सिम कार्ड का इस्तेमाल डिजिटल धोखाधड़ी, ऑनलाइन शॉपिंग, शेयर ट्रेडिंग और अन्य ऑनलाइन वित्तीय अपराधों में किया जाता था। जांच में पता चला कि गिरोह ने कुल 943 बैंक खाते खरीदे, जिनमें से 180 का इस्तेमाल धोखाधड़ी के लिए किया गया।
धोखाधड़ी का दायरा
जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी पिछले साल से इसी तरीके से लोगों को धोखाधड़ी का शिकार बना रहे थे। इन बैंक खातों और सिम कार्ड का इस्तेमाल करके देशभर के लोगों से कुल 60.82 करोड़ रुपये की ठगी की गई। इसमें मुंबई में लगभग 1.67 करोड़ रुपये और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में लगभग 10.57 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी शामिल है।
साइबर अपराध पर कड़ी कार्रवाई
मुंबई पुलिस ने इस ऑपरेशन को साइबर अपराधों के खिलाफ अपनी लगातार कार्रवाई का हिस्सा बताया। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के गिरोह डिजिटल दुनिया में आम लोगों को बड़ी आसानी से शिकार बना सकते हैं, इसलिए उन्हें पकड़ना और उनके नेटवर्क को खत्म करना बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपी अपने डिजिटल अपराध नेटवर्क के माध्यम से ऑनलाइन लेनदेन में लोगों को धोखा देते थे, जिससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान हुआ।
निष्कर्ष
मुंबई पुलिस का यह कार्रवाई साइबर धोखाधड़ी के खिलाफ एक बड़ा संदेश है। अधिकारियों ने आम लोगों से भी अपील की है कि वे ऑनलाइन लेनदेन करते समय सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध बैंक खाता या सिम कार्ड से जुड़े लेनदेन से बचें। पुलिस की इस कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि साइबर अपराधियों पर न केवल नजर रखी जा रही है, बल्कि समय रहते उन्हें पकड़कर उनके जाल को भी तोड़ा जा रहा है।