हिमाचल में बाढ़ का कहर, फोरलेन का 6 स्थानों पर नामोनिशान मिटा; टोल प्लाजा पर ब्यास नदी का जल

हिमाचल प्रदेश में हाल ही में हुई प्राकृतिक आपदा ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के सामने पहाड़ जैसी चुनौती खड़ी कर दी है। भारी वर्षा और भूस्खलन की वजह से कीरतपुर-मनाली फोरलेन का पंडोह से मनाली तक का मार्ग दो साल के अंदर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। अब इस मार्ग का नए सिरे से निर्माण करना अनिवार्य हो गया है।

टोल प्लाजा पर ब्यास का उफान
टोल प्लाजा पर ब्यास नदी का पानी उफान पर है और इसके कारण मार्ग पर वाहन चलाना असंभव हो गया है। कुल्लू से मनाली तक मार्ग के छह अलग-अलग स्थानों पर भारी नुकसान हुआ है। इनमें बिंदु ढांक, 15 मील, रायसन, लग्जरी बस स्टैंड मनाली और डोहलू टोल बैरियर के पास मार्ग का बड़ा हिस्सा बह चुका है। बिंदु ढांक तक मशीनरी आज दोपहर तक पहुंचने की उम्मीद है, ताकि वहां बहाली का काम शुरू किया जा सके।

भारी आर्थिक नुकसान और बहाली की तैयारी
एनएचएआइ को इस आपदा से अब तक लगभग 1000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। यह पिछले साल 2023 की आपदा के मुकाबले चार गुना अधिक है। मार्ग बहाली के लिए अब युद्धस्तरीय प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। एनएचएआइ ने मार्ग बहाली के लिए 20 पोकलेन मशीनें लगाई हैं। मंडी के दवाड़ा और झलोगी में भी मौसम अनुकूल होने और ब्यास नदी का जलस्तर कम होने के साथ ही बहाली का काम शुरू कर दिया गया है। झलोगी में मार्ग का बड़ा भाग जमींदोज हो गया है और दवाड़ा में चट्टानों को मशीनों से तोड़ा जा रहा है।

सैकड़ों वाहन और लोग फंसे हुए
पंडोह से औट के बीच पिछले दो दिन से सैकड़ों वाहन और लोग मार्ग पर फंसे हुए हैं। पंडोह टकोली खंड में मार्ग बहाली के लिए 30 से अधिक मशीनें लगातार कार्यरत हैं। एनएचएआइ के वरिष्ठ अधिकारी और इंजीनियर मौके पर डटे हुए हैं और मार्ग को जल्द से जल्द बहाल करने में जुटे हैं। अगर मौसम अनुकूल रहा तो वीरवार दोपहर तक पंडोह से मनाली तक मार्ग बहाल होने की उम्मीद है।

भूस्खलन और भारी वर्षा से बढ़ी चुनौती
भूस्खलन, बाढ़ और लगातार वर्षा ने मार्ग को पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया है। इस स्थिति में भारी मशीनरी लगाकर और तकनीकी विशेषज्ञों की मदद से ही मार्ग बहाल किया जा सकेगा। अधिकारियों का कहना है कि मार्ग बहाली के लिए युद्धस्तर पर कार्य जारी है और जनता को जल्द से जल्द राहत देने का प्रयास किया जा रहा है।

इस प्राकृतिक आपदा ने हिमाचल प्रदेश की सड़कों और पर्यटन मार्गों को भी प्रभावित किया है। मनाली हाईवे के बंद रहने से स्थानीय व्यापार और पर्यटन क्षेत्र में भी बड़ा असर पड़ा है। एनएचएआइ का प्रयास है कि जल्द से जल्द यातायात बहाल हो और प्रदेश के लोगों को सामान्य जीवन में लौटने का अवसर मिले।

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