
तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) के प्रमुख और अभिनेता से नेता बने विजय अब विवादों में फंस गए हैं। मदुरै में हाल ही में हुई एक पार्टी रैली के दौरान उनके बाउंसरों द्वारा एक व्यक्ति के साथ मारपीट किए जाने का मामला दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ता सरथ कुमार ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने अभिनेता-नेता को करीब से देखने की कोशिश की तो विजय के बाउंसरों ने उन्हें जोर-जबरदस्ती से हटा दिया और मारपीट की।
यह घटना 2026 में होने वाले तमिलनाडु विधानसभा चुनावों से पहले हुई राजनीतिक रैली के दौरान हुई, और इसे लेकर सियासी हलचल भी तेज हो गई है।
घटना का वीडियो वायरल
रैली का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि विजय रैंप पर चलते हुए राजनेताओं की तरह जनता का अभिवादन स्वीकार कर रहे हैं। वीडियो लगभग सात मिनट लंबा है। शुरुआत में, एक व्यक्ति को रैंप से नीचे धकेलते हुए देखा जा सकता है। जैसे ही विजय रैंप पर आगे बढ़ते हैं, कई फैंस मंच पर कूदकर उन्हें हाथ हिलाकर अभिवादन करने की कोशिश करते हैं, लेकिन बाउंसरों ने उन सभी को जोर-जबरदस्ती से धक्का देकर दूर कर दिया।
विजय पर क्या लगे हैं आरोप?
शिकायतकर्ता सरथ कुमार ने कहा कि विजय को घेरे हुए बाउंसरों ने उनके साथ मारपीट की और उन्हें रैंप से नीचे धकेल दिया। इसके बाद उन्होंने पेरम्बलूर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया। पुलिस ने विजय और उनके बाउंसरों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 189(2), 296(बी) और 115(आई) के तहत केस दर्ज किया है। इन धाराओं में गैरकानूनी रूप से इकट्ठा होना और मृत्युदंड या आजीवन कारावास से दंडनीय अपराध के लिए उकसाना शामिल है।
इस घटना ने तमिलनाडु के राजनीतिक गलियारे में भी हलचल पैदा कर दी है। अभिनेता से नेता बने विजय का यह पहला बड़ा विवाद नहीं है, लेकिन चुनावों से पहले यह घटना उनकी राजनीतिक छवि के लिए चिंता का विषय बन सकती है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो और शिकायत के बाद अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पुलिस और न्यायिक प्रक्रिया इस मामले में क्या कार्रवाई करती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि चुनावी रैलियों में सुरक्षा के नाम पर कार्यकर्ताओं के साथ इस तरह की घटनाएं राजनीतिक नेताओं के लिए सियासी जोखिम भी पैदा करती हैं। ऐसे में थलपति विजय की अगली राजनीतिक रणनीति और उनके बाउंसरों की भूमिका चर्चा का विषय बनी हुई है।